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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज UP Election 2022: पूर्वांचल में ओवैसी की पार्टी को मिल रहा जबर्दस्त सपोर्ट? जानें, क्या कहते हैं मुसलमान

UP Election 2022: पूर्वांचल में ओवैसी की पार्टी को मिल रहा जबर्दस्त सपोर्ट? जानें, क्या कहते हैं मुसलमान

पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दशकों से मुस्लिम समुदाय के लोग सपा या बसपा का समर्थन करते आ रहे हैं और इस बार भी यही परिपाटी कायम रह सकती है।

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आजमगढ़/गाजीपुर: लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही कोई सीट न जीते या भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों का खेल बिगाड़ने की भूमिका निभाए, लेकिन इसने समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी का गढ़ माने जाने वाले पूर्वांचल के कई इलाकों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। AIMIM की मौजूदगी का आलम यह है कि पूर्वी यूपी में मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग इसे भविष्य का विकल्प मानने लगे हैं, हालांकि उनका यह भी कहना है कि सपा और बीजेपी की सीधी लड़ाई में इस बार वह शायद कोई खास कामयाबी हासिल नहीं कर सके।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दशकों से मुस्लिम समुदाय के लोग सपा या बसपा का समर्थन करते आ रहे हैं और इस बार भी यही परिपाटी कायम रह सकती है क्योंकि लोग वोट बंटने की आशंका को लेकर चिंतित नजर आते हैं। आजमगढ़ जिले में मुबारकपुर विधानसभा सीट को छोड़कर अन्य किसी स्थान पर AIMIM मुकाबले में नहीं दिखती। बहरहाल, मुबारकपुर में मुख्य रूप से अपने उम्मीदवार शाम आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली के चलते AIMIM मुकाबले में नजर आ रही है।

हालांकि, आजमगढ़ में कुछ मुसलमान ऐसे हैं जो यह दलील देते हैं कि AIMIM उनकी ‘अपनी पार्टी’ है और अगर वह हारती है तो भी उसका समर्थन करने की जरूरत है ताकि उसका विस्तार हो सके। आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई इलाके के दुकानदार ओबैदुल्ला कहते हैं कि कांग्रेस, सपा और बसपा का साथ देने की एवज में मुसलमानों को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘ओवैसी हमारी आवाज उठाते हैं। हमें उनके लिए वोट क्यों नहीं करना चाहिए। हमारी अपनी पार्टी होनी चाहिए क्योंकि कई समुदायों की अपनी पार्टी है।’

कई मुसलमान मतदाताओं का मानना है कि इस बार लोग वोटों का बंटवारा नहीं चाहते क्योंकि उनका मकसद योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता से हटाना है। सगड़ी इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले मतलूब आलम ने कहा, ‘AIMIM को वोट मिलता, लेकिन यह इस बार नहीं होगा क्योंकि इस बार मुख्य लक्ष्य योगी सरकार को हटाने का है। AIMIM को समर्थन मिल रहा है, लेकिन वह जीतने की स्थिति में नहीं है।’ 

आजमगढ़ शहर के तकिया इलाके के निवासी शमीम आगा कहते हैं, ‘ग्रामीण इलाके में मुस्लिम युवा AIMIM की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं, लेकिन मुश्किल है कि यह वोट में तब्दील हो। जैसे कि लोग यहां कहते हैं कि कांग्रेस अच्छी पार्टी है लेकिन उसे वोट नहीं देते। यही बात यहां AIMIM के साथ है।’ गाजीपुर जिले के जहूराबाद क्षेत्र में सपा समर्थकों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भले ही AIMIM के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन आखिर वह यह देखेंगे कि बीजेपी सरकार को हटाने के लिए क्या करने की जरूरत है। AIMIM के बारे में बात करने के साथ ही ज्यादातर मुसलमान इस बार ‘बदलाव’ पर जोर दे रहे हैं। (भाषा)