प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर 11 लाख खाली पदों पर भर्ती नहीं करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने प्रयागराज में कहा कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर इन 11 लाख पदों पर नौजवानों को नियुक्तियां दी जाएंगी। शहर की 3 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के लिए रामबाग स्थित सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से रोडशो शुरू करने से पूर्व जनसभा को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, ‘हमारे नौजवान वर्दी पहनना चाहते हैं, देश की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन इस सरकार ने भर्ती नहीं निकाली।’
‘योगी बाबा लैपटॉप चलाना नहीं जानते’
सपा सुप्रीमो ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘योगी बाबा लैपटॉप चलाना नहीं जानते। जो मुख्यमंत्री लैपटॉप, स्मार्टफोन चलाना नहीं जानता, उसके मंत्री कैसे होंगे। जनता के बीच जो उत्साह और जोश है, उसे देखते हुए हम कह सकते हैं कि परिणान आने पर जनता डबल इंजन की झूठ की पटरी उखाड़ फेंकेगी। योगी ने 11 तारीख की अपनी लखनऊ से गोरखपुर की टिकट कटा ली है।’ यादव ने दावा किया कि बीजेपी की सरकार आई तो पेट्रोल 200 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकेगा।
हंडिया में भी जनसभा को किया संबोधित
पूर्व मुख्यमंत्री का रथ (प्रचार के लिए डिजाइन की गई बस) रामबाग से शुरू होकर मेडिकल चौराहा होते हुए पीडी टंडन पार्क पहुंचा जहां उन्होंने शहर उत्तरी सीट से प्रत्याशी संदीप यादव के समर्थन में वोट मांगे। पीडी टंडन पार्क से रथ सुभाष चौराहा, पत्थर गिरिजाघर से लीडर प्रेस चौराहा पहुंचा जहां शहर पश्चिमी सीट से उम्मीदवार ऋचा सिंह के समर्थन में सपा प्रमुख ने वोट मांगे। इससे पूर्व, शहर से 30 किलोमीटर दूर हंडिया विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई सैर कराने की बात करती है।
‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी’
अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर प्लेन, एयरपोर्ट और बंदरगाह बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, ‘बीजेपी की सरकार ये सब इसलिए बेच रही है ताकि उसे लोगों को न आरक्षण देना पड़े और न नौकरी देनी पड़े। न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी।’ जिले का नाम इलाहाबाद से प्रयागराज किए जाने पर तंज करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘नाम बदलने के बाद यह जिला उतना ही बदनाम हुआ है। चाहे वह कुम्भ का घोटाला हो, चाहे नौजवानों पर लाठी चली हो, चाहे यहां के लोगों ने गंगा में बहती हुई लाशों को देखा हो। नाम जरूर बदल दिया, लेकिन सरकार ने बदनामी भी उतनी ही कराई है।’