A
Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज UP Election 2022: शाहाबाद विधानसभा सीट पर BJP की रजनी तिवारी रचेंगी इतिहास?

UP Election 2022: शाहाबाद विधानसभा सीट पर BJP की रजनी तिवारी रचेंगी इतिहास?

UP Election 2022: 2022 यूपी चुनाव कई मायनों में बहुत अलग होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट सपा-भाजपा में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा प्रत्याशी रजनी तिवारी यहां 2022 के चुनाव में जीत का चौका लगाने की कोशिश में हैं।

UP Election 2022 - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO UP Election 2022 

Highlights

  • भाजपा प्रत्याशी रजनी तिवारी लगाएंगी जीत का चौका?
  • 2017 में BJP की रजनी तिवारी ने बसपा के आसिफ खान को हराया था
  • सपा से आसिफ खान उर्फ बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट सपा-भाजपा में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा प्रत्याशी रजनी तिवारी यहां 2022 के चुनाव में जीत का चौका लगाने की कोशिश में हैं। हरदोई के शाहाबाद विधानसभा सीट पर 2017 में करीब 64 फीसदी मतदान हुआ और बीजेपी की रजनी तिवारी ने जीत दर्ज की थी। रजनी तिवारी ने बसपा के आसिफ खान को हराया था। हरदोई जिले के अंतर्गत आने वाली शाहाबाद (shahabad vidhan sabha seat news) विधानसभा सीट में चौथे चरण यानी 23 फरवरी को मतदान होना है।

बता दें कि, हरदोई की शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के लोग निवास करते हैं। हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट पर बीजेपी ने रजनी तिवारी को दोबारा से अपना प्रत्याशी बनाया है तो सपा से आसिफ खान उर्फ बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा ने अहिबरन सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने डॉ. अजीमुश्शान को अपना उम्मीदवार बनाया है। वही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अखिलेश पाठक का बड़ा फेस भी सामने है, जो ब्राह्मण वोटर पर तो असर रखते हैं साथ ही बरसों से BJP के सिपाही थे तो वो वोट बैंक भी इनके खाते में सरक सकता है।

हरदोई की शाहाबाद विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव की बात करें तो यहां बीजेपी की रजनी तिवारी ने कुल 99 हजार से ज्यादा (45.84 प्रतिशत) वोटों के साथ जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के आसिफ खान को 95 हजार (43.88 प्रतिशत) से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं सपा के सरताज खान करीब 15 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। यहां 2017 में 3 लाख 43 हजार से ज्यादा लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि 2615 लोगों ने नोटा (None Of The Above) का बटन दबाया था।