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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज UP Election 2022: हरदोई में इस बार कौन मारेगा बाजी? पिछले चुनाव में सपा ने दर्ज की थी जीत

UP Election 2022: हरदोई में इस बार कौन मारेगा बाजी? पिछले चुनाव में सपा ने दर्ज की थी जीत

हरदोई सदर विधानसभा सीट पर नरेश अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। नरेश अग्रवाल के बेटे और भाजपा के उम्मीदवार नितिन अग्रवाल (Nitin Agarwal) को यहां समाजवादी पार्टी (एसपी) के अनिल वर्मा (Anil Verma) से जोरदार टक्कर मिल रही है।

Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Samajwadi Party

Highlights

  • हरदोई सदर विधानसभा सीट पर नरेश अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है
  • हरदोई में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है
  • सपा ने हरदोई सदर विधानसभा सीट से शोभित पाठक को अपना कैंडिडेट बनाया

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में हरदोई सदर विधानसभा (Hardoi Sadar Vidhan Sabha) सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है। कई राजनीतिक दलों में रह चुके नरेश अग्रवाल फिलहाल भाजपा में हैं और उनके बेटे नितिन अग्रवाल हरदोई सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, हरदोई सदर के जातीय समीकरण कुछ ऐसे हैं कि भाजपा और नरेश अग्रवाल की टेंशन बढ़ी हुई है। उत्तर प्रदेश की हरदोई विधानसभा सीट पर चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है। यूपी में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।

हरदोई सदर विधानसभा सीट पर नरेश अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। नरेश अग्रवाल के बेटे और भाजपा के उम्मीदवार नितिन अग्रवाल (Nitin Agarwal) को यहां समाजवादी पार्टी (एसपी) के अनिल वर्मा (Anil Verma) से जोरदार टक्कर मिल रही है। इस सामान्य विधानसभा सीट पर सपा ने पासी समाज से आने वाले अनिल वर्मा को अपना कैंडिडेट बनाकर मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है। उधर बसपा ने हरदोई सदर विधानसभा सीट से शोभित पाठक को अपना कैंडिडेट बनाया है। समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनिल वर्मा भी जातीय गणित और अपने पुराने काम के दम पर आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं। 

हरदोई सदर विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव की बात करें तो यहां सपा के टिकट पर नितिन अग्रवाल ने 99 हजार से ज्यादा (42.84 प्रतिशत) वोटों के साथ जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के राजा सिंह को 92 हजार (40.60 प्रतिशत) से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं बसपा के धर्मवीर सिंह करीब 30 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। यहां 2017 में 3 लाख 93 हजार से ज्यादा लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि 2203 लोगों ने नोटा (None Of The Above) का बटन दबाया था।