लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चार चरणों का मतदान पूरा हो चुका है और अब पांचवें चरण के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। पांचवें चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार थम चुका है। पांचवें चरण की सबसे हॉट सीटों में सिराथू विधानसभा सीट का नाम गिनना कोई नहीं भूल सकता। यहां से उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के प्रत्याशी हैं। यह उनका होम टाउन भी है। चुनावी मैदान में उनके सामने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पल्लवी पटेल हैं। इस सीट का पूरा मुकाबला इन दोनों के इर्द-गिर्द ही घूमता हुआ नजर आ रहा है। सिराथू विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है।
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केशव का पलड़ा भारी पड़ता नजर आ रहा है। चुनावी माहौल को अपने पक्ष में और गहरा रंग देने के लिए चुनावी प्रचार के आखिरी दिन भाजपा ने भी अपना आखिरी पत्ता फेंका। शुक्रवार को केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया। अमित शाह ने सिराथू विधानसभा क्षेत्र के सौराई खुर्द में चुनावी सभा की और सपा पर जमकर बरसे। शाह ने बहुजन समाज पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा।
इन सब के बीच अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्य के लिए बड़ी बात कह दी। अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश में पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ों का कोई सबसे बड़ा नेता है तो वह केशव प्रसाद मौर्य हैं। शाह ने कहा, "केशव जी पूरे प्रदेश के गरीब, वंचित व पिछड़ों के दिल की धड़कन हैं। सिराथूवासियों ने तय कर लिया है, केशव प्रसाद जी को प्रचंड बहुमत से जिताएंगे।"
शाह के केशव प्रसाद को लेक रऐसा कहने के पीछे कई कारण हैं। दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य ने बीते एक दशक में जिस तरह से खुद को साबित किया है, वैसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। बीते 10 सालों में उन्होंने पिछड़ों के साथ-साथ दलितों को भी अपने साथ जोड़कर कौशांबी में भाजपा को जो मजबूती दी है, वह मजबूती भाजपा ने कभी पहले महसूस नहीं की थी। साल 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले किसी ने नहीं सोचा था कि सिराथू से भाजपा जीत सकती है लेकिन केशव प्रसाद मौर्य ने इस जीत को मुमकिन कर दिया और पहली बार इस सीट पर जीत हासिल करके यह क्षेत्र भाजपा के नाम कर दिया।
यह केशव प्रसाद मौर्य के लिए भी पहली बार था, जब वह यहां से विधायक बने थे। यह बिना दलितों के सपोर्ट के नहीं हो सकता था क्योंकि सिराधू विधानसभा सीट पर करीब 60 हजार पासी वोटों के साथ लगभग 90 हजार दलित वोट हैं। इसीलिए, इस बात से इनकार करना मुश्किल होगा कि उन्हें इनका साथ नहीं मिला होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, 2017 में जब उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा तब उन्होंने सुनिश्चित किया कि कौशांबी जिले की तीनों विधानसभा सीटें बीजेपी को मिले और ऐसा ही हुआ। तीनों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। बता दें कि, सिराधू के अलावा जिले में चायल और मंझनपुर विधानसभा सीट हैं, जहां करीब एक-एक लाख दलित मतदाता हैं।