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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज सूरत की वराछा विधानसभा सीट से भाजपा आगे, यहां देखें सभी लाइव अपडेट

सूरत की वराछा विधानसभा सीट से भाजपा आगे, यहां देखें सभी लाइव अपडेट

इस बार यह सीट हॉट सीट बनकर उभरी है। पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे अल्पेश कथीरिया के चलते इस सीट पर बीजेपी और AAP के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। यही वजह है कि बीजेपी ने इस सीट पर अपना फोकस बढ़ा दिया है।

भाजपा का गढ़ है सूरत की वराछा विधानसभा- India TV Hindi Image Source : INDIA TV भाजपा का गढ़ है सूरत की वराछा विधानसभा

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों का समय आ गया है। 8 दिसंबर यानी आज सुबह 8 बजे से सभी सीटों की काउंटिंग शुरू हो चुकी है। सूरत जिले की वराछा विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2008 में हुए विधानसभा क्षेत्र सीमांकन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के किशोर भाई कानानी ने चुनाव जीता था। कांग्रेस ने भी यहां से पाटीदार समाज से आने वाले धीरूभाई गजेरा को टिकट दिया था। कानानी को 68,472 वोट मिले थे, जबकि गजेरा के खाते में 54,474 वो आए। 2012 के चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला था। तब भी कानानी ने गजेरा को हरा दिया था।

  • मतदान की तारीख: सोमवार, 1 दिसंबर 2022
  • मतगणना की तारीख: गुरुवार, 8 दिसंबर 2022 

बीजेपी और AAP के बीच कांटे की टक्कर

इस बार यह सीट हॉट सीट बनकर उभरी है। पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे अल्पेश कथीरिया के चलते इस सीट पर बीजेपी और AAP के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। यही वजह है कि बीजेपी ने इस सीट पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। इस सीट पर चुनाव प्रचार के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने उतारा है। दो दिन पहले ही सीएम योगी ने यहां रोड शो किया। इस दौरान इस क्षेत्र से प्रत्याशी किशोर भाई कानानी सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। 

पाटीदार आरक्षण आंदोलन से भी नहीं पड़ा फर्क

साल 2015 में हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार आरक्षण आंदोलन जोर पकड़ा था। इसलिए माना जा रहा था कि 2017 के चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन यहां कि जनता ने भाजपा को निराश नहीं किया। किशोर भाई कानानी यहां से चुनाव जीतकर दोबारा विधानसभा पहुंचे। इस विधानसभा में पाटीदार समाज की संख्या ज्यादा है।

आर्थिक रूप से मजबूत हैं यहां के वोटर

इस क्षेत्र में रहने वाले ज्यादातर लोग डायमंड और टेक्सटाइल के कारोबार से जुड़े हैं। यहां के वोटर आर्थिक रूप से मजबूत हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सरकारी कॉलेज की मांग उठती रहती है। हालांकि गुजरात सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।