यूपी चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव में शिवसेना भी उतर रही हैं। हालांकि, इसके गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे लेकिन गुरुवार को शिवसेना का बड़ा बयान सामने आया है। जिससे पता चलता है कि पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ने का मूड बना ली है। आज शिवसेना के नेता संजय राउत उत्तर प्रदेश दौर पर हैं। किसान नेता राकेश टिकैत से भी मुलाकात करने वाले हैं।
शिवसेना ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ वैचारिक मतभेद के चलते यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को साफ कर दिया कि वह उत्तर प्रदेश में बदलाव देखना चाहते हैं लेकिन वैचारिक मतभेद के चलते समाजवादी पार्टी गठबंधन नहीं कर सकते। शिवसेना उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।
किसानों का आशीर्वाद चाहिए
राउत ने गुरुवार को कहा, मैं पश्चिम यूपी में राकेश टिकैत से मिलने वाला हूं। किसान आंदोलन में राकेश टिकैत को रोते हुए और जीतने के बाद हंसते हुए देखा है। मैं उनसे मिलकर बात करूंगा कि वह क्या चाहते हैं। हम यूपी में चुनाव लड़ेंगे तो हम बात करेंगे। हमें किसानो का आशीर्वाद चाहिए। इसी सिलसिले में संजय राउत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं।
शिवसेना 50 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
संजय राउत ने ही बुधवार को कहा था कि शिवसेना उत्तरप्रदेश में 50 से 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव का लड़ेगी। इतना ही नहीं सांसद संजय राउत ने यूपी में योगी सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और बीजेपी के कुछ और विधायकों के इस्तीफे के बाद अपने बयान में दावा किया था कि यह तो बस शुरूआत है और उत्तर प्रदेश की राजनीति में और बहुत बदलाव होने वाले हैं। यह राज्य में कई मंत्री और बीजेपी विधायकों के पार्टी छोड़ने की शुरूआत है।
भाजपा से सावधान रहने की आवश्यकता- राउत
इससे पहले संजय राउत ने बुधवार को मीडिया से बात करते ने कहा था कि भाजपा को सावधान रहने की आवश्यकता है। अभी लहरों की चाल धीमी है लेकिन तेज लहरों से भाजपा का जहाज डगमगा सकता है। भाजपा ओपिनियन पोल की अफवाह भी फैला रही है, उस पर भरोसा करना सही नहीं है। गोवा और उत्तर प्रदेश में निश्चित ही बदलाव नजर आएगा। उन्होंने कहा था कि शिवसेना की लड़ाई बीजेपी के नोट से है, शिवसेना आम जन की पार्टी है और हम लोगों से कहना चाहते हैं कि पैसे के लालच में न आएं।