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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज यूपी में योगी आदित्यनाथ को जयंत ने 'J+M+G' मैजिक से दी मात, मदन भैया बन गए हीरो!

यूपी में योगी आदित्यनाथ को जयंत ने 'J+M+G' मैजिक से दी मात, मदन भैया बन गए हीरो!

जेएमजी समीकरण का मतलब है, जाट+मुस्लिम+गुर्जर। दरअसल, जयंत चौधरी जाट समुदाय से आते हैं और मदन भैया गुर्जर समुदाय से। वहीं आरएलडी को मुस्लिमों का समर्थन पश्चिमी यूपी में पहले से मिलता आया है।

RLD Madan Bhaiya won - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मदन भैया बन गए हीरो!

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार यूपी के मुखिया और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ का मैजिक काम नहीं आया। बीजेपी यहां की खतौली विधानसभा पर आरएलडी के मदन भैया से हार गई। यहां से बीजेपी ने राजकुमारी को टिकट दिया था। मदन भैया ने इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को लगभग 23 हजार वोटों से कारारी मात दी है। इस सीट पर जीत कर जयंत चौधरी ने दिखा दिया की वो अभी पश्चिमी यूपी में कमजोर नहीं हुए हैं। सबसे बड़ी बात की जयंत ने जिस समीकरण के सहारे मदन भैया को जीत दिलाई है, वह भविष्य में भी बीजेपी के गले की हड्डी बन सकती है। चलिए जानते हैं क्या है जयंत चौधरी का नया ब्रह्मास्त्र 'J+M+G' समीकरण?

क्या है J+M+G समीकरण?

जेएमजी समीकरण का मतलब है, जाट+मुस्लिम+गुर्जर। दरअसल, जयंत चौधरी जाट समुदाय से आते हैं और मदन भैया गुर्जर समुदाय से। वहीं आरएलडी को मुस्लिमों का समर्थन पश्चिमी यूपी में पहले से मिलता आया है। कहा जा रहा है कि मदन भैया की जीत के पीछे इसी समीकरण ने काम किया और इसी समीकरण ने पश्चिमी यूपी में योगी मैजिक को कमजोर कर दिया।

विपक्ष को हल्के में ना लें योगी

मैनपुरी से डिंपल यादव जीत गईं हैं और पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी ने सेंधमारी कर दी है। बीजेपी के लिए ये खतरे की घंटी है। दरअसल, पिछले कुछ समय से बीजेपी के बॉडी लैंग्वेज से समझ आ रहा था कि वह प्रदेश में विपक्ष को हल्के में ले रही है। उसे शायद लगा था कि योगी और मोदी मैजिक के आगे विपक्षी कहां टिकने वाले हैं। हालांकि, अब उसे अपनी ये सोच बदलनी होगी क्योंकि मैनपुरी और खतौली की हार ने बीजेपी को बता दिया है कि वह अब आगे की लड़ाई लड़ने के लिए जमीन पर उतर जाए।

खतौली का जातीय समीकरण समझिए

पश्चिमी यूपी में पड़ने वाले खतौली विधानसभा सीट के जातीय और सामाजिक समीकरण की बात करें तो यह मदन भैया के पक्ष में जाती है। यही वजह है कि मदन भैया पिछले 15 सालों से इस सीट से विधायक हैं। दरअसल, खतौली में करीब तीन लाख वोटर हैं, इनमें 73 प्रतिशत हिंदू और 27 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। जबकि इसी सीट पर 40 हजार दलित मतदाता हैं। वहीं 27 हजार जाट हैं। यानि इस सीट पर मुस्लिम वोटर अगर एक साथ किसी प्रत्याशी के पक्ष में आ जाएं और उसे किसी दूसरे समुदाय के भी कुछ वोट मिल जाए तो उसकी जीत निश्चित है। मदन भैया के साथ यही हुआ।