पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फिर कलह देखने को मिल रही है। कांग्रेस के वर्तमान विधायक नवतेज चीमा के खिलाफ कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के बेटे के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान को लेकर राणा विरोधी गुट के विधायकों ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर इन विधायकों ने राणा गुरजीत को कांग्रेस से बाहर करने की अपील की।
गौरतलब है कि राणा गुरजीत सिंह सुल्तानपुर लोधी से अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो राणा गुरजीत सिंह के बेटे ने निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस विधायक नवतेज चीमा, सुखपाल खैहरा, अवतार हैनरी जूनियर और बलविंदर सिंह धालीवाल इन चार विधायकों ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में राणा गुरजीत सिंह को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है।
रेत माफिया चलाने का आरोप
इन विधायकों ने अपनी ही पार्टी के विधायक राणा गुरजीत पर रेत माफिया चलाने और कांग्रेस से अलग होकर अपनी खुद की पार्टी बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह और बीजेपी के साथ मिलीभगत करने के आरोप भी लगाए हैं। अब बेटे के फैसले के चलते राणा गुरजीत सिंह की पार्टी में दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
सुल्तानपुर लोधी से कांग्रेस उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा ने बताया कि यह पत्र हाईकमान को ईमेल के जरिए भेजा गया है। दरअसल, पार्टी हाईकमान द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 86 उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद राणा गुरजीत सिंह ने अपने बेटे इंद्र प्रताप राणा को सुल्तानपुर लोधी से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
क्या है मामला
राणा गुरजीत सिंह ने फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट के साथ-साथ सुल्तानपुर लोधी से अपने बेटे इंद्र प्रताप राणा के लिए टिकट की मांग की थी। पार्टी हाईकमान ने कपूरथला से राणा गुरजीत सिंह को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन उनके बेटे को नजरअंदाज कर सुल्तानपुर लोधी से दो बार विधायक रह चुके नवतेज सिंह चीमा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
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