चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को कहा कि वह कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से नाराज अपने भाई मनोहर सिंह से बात करेंगे। मनोहर सिंह ने रविवार को कहा था कि वह कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ बस्सी पठाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे, जिसके बाद चन्नी की प्रतिक्रिया सामने आई है। सिंह, बस्सी पठाना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट की उम्मीद लगाए हुए थे। कांग्रेस ने 86 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में शनिवार को बस्सी पठाना (सुरक्षित) सीट से पार्टी विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट दिया।
चन्नी ने इस बात का संकेत दिया कि वह कांग्रेस के मौजूदा विधायक और उम्मीदवार गुरप्रीत के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने के संबंध में अपने भाई से बात करने का प्रयास करेंगे। चन्नी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''वह टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने इंकार कर दिया। गुरप्रीत भी हमारे भाई हैं। हम उन्हें बिठाकर बात करेंगे और मुद्दे का समाधान हो जाएगा।''
मनोहर सिंह ने गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट देने संबंधी कांग्रेस के फैसले को निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ ‘‘अन्याय’’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि मौजूदा विधायक ‘‘अक्षम और अप्रभावी’’ है। मनोहर सिंह ने कहा था, ‘‘बस्सी पठाना क्षेत्र के कई प्रमुख लोगों ने मुझे निर्दलीय के रूप में लड़ने के लिए कहा है और उन्होंने जो कहा है, मैं उसका पालन करूंगा। वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है और मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगा।’’
सिंह ने पिछले साल अगस्त में खरड़ सिविल अस्पताल से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। सिंह ने एमबीबीएस और एमडी किया है। उनके पास पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री भी है और उन्होंने कानून की पढ़ाई भी की है।
(इनपुट- एजेंसी)