PM Modi Exclusive Interview: पीएम मोदी ने कहा- हम यूपी, गोवा, उत्तराखंड में 2014 जैसी 'लहर' देख रहे हैं
विपक्षी नेताओं द्वारा उनकी और उनकी सरकार की आलोचना करने पर मोदी ने जवाब दिया, ‘सार्वजनिक जीवन में आलोचना होना और आरोप लगने स्वाभाविक है।
Highlights
- मुझे गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हमारी पार्टी के पक्ष में 2014 जैसी लहर दिखती है: पीएम मोदी
- मुझे अभी पंजाब और मणिपुर का दौरा करना है, लेकिन मुझे जो भी जमीनी रिपोर्ट मिल रही हैं, वे सकारात्मक हैं: मोदी
- प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से उनका लगाव बहुत पुराना है और बचपन से ही वह हिमालय में भ्रमण करते रहते थे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भरोसा जताते हुए कहा कि 'हम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में अपनी पार्टी के पक्ष में 2014 के जैसी लहर देख रहे हैं।'
शनिवार की शाम एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में, उत्तराखंड में चुनाव प्रचार से लौटने पर मोदी ने इंडिया टीवी के पॉलिटिकल एडिटर देवेंद्र पाराशर से कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में हमें बहुत ही अद्भुत और बहुत ही उत्तम रेस्पॉन्स मिल रहा है। मुझे गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हमारी पार्टी के पक्ष में 2014 जैसी लहर दिखती है। मुझे अभी पंजाब और मणिपुर का दौरा करना है, लेकिन मुझे जो भी जमीनी रिपोर्ट मिल रही हैं, वे सकारात्मक हैं।’
'किसी का निजी स्वार्थ है तो विरोध स्वाभाविक है'
मोदी ने कहा, ‘देखिए जनता का समर्थन भरपूर मिल रहा है, जनता की कोई शिकायत नहीं है, बाकी जो अपने एजेंडा पर चलते हैं, जिनका अपना पॉलिटिकल एजेंडा है या किसी का निजी स्वार्थ है, तो उनकी तरफ से विरोध बहुत स्वाभाविक है। उनकी तरफ से मुझपर गुस्सा होना बहुत स्वाभाविक है। अगर भ्रष्टाचार बंद करूंगा, तो जिन लोगों को उससे फायदा होता था, वो गुस्सा करेंगे ही करेंगे। मेरे पर नाराजगी करेंगे ही करेंगे। हमारा काम है जिनके लिए काम दिया गया है, वो जनता जनार्दन है। हमें जनता जनार्दन की सेवा करते रहना चाहिए,तो हम उसी पर ध्यान देते हैं।’
'जनता की नब्ज मैं भलीभांति जानता हूं'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनता की नब्ज को मैं भलीभांति जानता हूं। आज जब मैं उत्तराखंड में गया तो हेलिपैड से लेकर सभा के मंच तक पूरे रास्ते में इतने लोग थे, ये जो लोगों का प्यार है, आशीर्वाद है, वो जब कोई विश्वास होता है तब होता है। और विश्वास तब होता है जब आप जो बातें करते हैं उसके प्रति आपकी नीयत साफ है, आप उसके लिए भरपूर मेहनत करते हैं और उसे जमीन पर उतारने का प्रयास करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से उनका लगाव बहुत पुराना है और बचपन से ही वह हिमालय में भ्रमण करते रहते थे।
'उत्तराखंड का टेकऑफ का टाइम है'
मोदी ने कहा, ‘मैंने उत्तराखंड में अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया है। उत्तराखंड का निर्माण 20 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया। अब तक उत्तराखंड अपने आपको एक शेप दे रहा था। लेकिन अब उत्तराखंड ने एक नए राज्य के नाते करीब-करीब जो 20 साल बिताए हैं तो उसका अपना एक स्वरूप बन चुका है। एक प्रकार से वह रनवे पर आ चुका है और उसका टेकऑफ का टाइम है। इन 10 सालों में अगर उसको स्थिर, विजन वाली और कमिटेड सरकार मिलती है तो उत्तराखंड कहां से कहां पहुंच जाएगा, और उसके युवाओं के लिए यह कालखंड बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड दुनिया भर के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है। अमेरिका में रहने के दौरान, मैं शाकाहारी भोजन की तलाश में सुदूर इलाके में गया था। इतने में वहां मुझे एक अमेरिकन मिला, जो 'माला' पहने हुए था। उसने मुझे बताया कि वह हर साल ऋषिकेश आता था।’
'उत्तराखंड में टूरिज्म पर ध्यान देना चाहते हैं'
मोदी ने कहा, ‘आज हम मुख्य रूप से उत्तराखंड में नेचर और एडवेंचर टूरिज्म पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उत्तराखंड में लोग अब टूरिस्टों को 'होम स्टे' की सुविधाएं देकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। हम रेल, सड़क और यहां तक कि रोपवे की कनेक्टिविटी में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि अगला दशक 'उत्तराखंड का दशक' बने।’
'धामीजी उत्तराखंड के लिए अच्छा चेहरा हैं'
जब इंडिया टीवी के रिपोर्टर ने सवाल किया कि पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में 3 मुख्यमंत्री हुए, तो प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी एक विशाल संगठन है, और हमारे यहां संगठन में एक पारिवारिक भाव होता है। त्रिवेंद्र रावत जी को जब मौका मिला तो उनको सब चीजें खुद करनी पड़ती थीं, लेकिन आज धामीजी का सौभाग्य है कि उनके पास 2 पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उनका अनुभव है। उनका अनुभव उनको काम आ रहा है। धामीजी अत्यंत ही सरल, मृदुभाषी, मितभाषी, हमेशा हंसता चेहरा और बहुत ही छोटी आयु है। और इसके कारण उत्तराखंड जैसे कठिन इलाके में मेहनत करने वाला व्यक्ति चाहिए वह भी लोग देख रहे हैं। दूसरी बात है धामीजी एक सैनिक के बेटे हैं। तो सैनिकों और एक्स-सर्विसमेन के मन में भी उनके प्रति बहुत लगाव है। धामीजी उत्तराखंड चुनावों के लिए एक अच्छा चेहरा है।’
'हमने 23 बार मुख्यमंत्रियों से मीटिंग की'
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत कैसे कोविड महामारी से निपटने में सफल रहा। उन्होंने कहा, ‘जब कोरोना का प्रारंभिक समय था तब पूरी दुनिया इस बात से चिंतित थी कि भारत में इतनी बड़ी जनसंख्या, सामूहिकता से भरी हुई जीवन पद्धति, हर पल लोग सामूहिक ही रहते हैं, हर दिन कोई न कोई उत्सव ही रहता है। ऐसी स्थिति में ये कोरोना का संक्रमण तो बहुत तेजी से फैल जाएगा तो भारत कैसे बच पाएगा। मैं मानता हूं कि पहले हमने ‘कोरोना कर्फ्यू’, ‘ताली’ और ‘थाली’ के द्वारा जनता को एजुकेट करने का काम किया, उससे देश एक प्लेटफॉर्म पर आ गया। हमने मुख्यमंत्रियों के साथ 23 बार मीटिंग की जो शायद ही कभी हिंदुस्तान के इतिहास में हुआ है।’
'पूरे देश को हम साथ लेकर चले'
मोदी ने कहा, ‘पूरे देश को हम साथ लेकर चले और उसका परिणाम भी मिला। दूसरी तरफ, बहुत पहले से ही हमने वैक्सीनेशन पर ध्यान देने के लिए टीमें लगाईं, धन खर्च करने का भी निर्णय कर लिया, वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया तो भारत को अपनी वैक्सीन भी मिल गई। और फिर नीचे तक हेल्थ वर्कर्स को मोटिवेट किया, और राज्य सरकारों को भी वैक्सीनेशन का महत्व समझाया। इसी का परिणाम है कि आज देश में पहला डोज करीब-करीब सभी लोगों को लग चुका है और सेकेंड डोज पर भी हम आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में तो वैक्सीनेशन को लेकर लोग मुझे इतना आशीर्वाद देते हैं कि मैं हैरान हो जाता हूं। उत्तराखंड की माताओं का आशीर्वाद बना हुआ है। एक मां तो कह रही थी कि आज मोदी है जो मेरा बेटा है, मेरी सेवा करता है।’
'सार्वजनिक जीवन में आलोचना स्वाभाविक है'
विपक्षी नेताओं द्वारा उनकी और उनकी सरकार की आलोचना करने पर मोदी ने जवाब दिया: ‘सार्वजनिक जीवन में आलोचना होना और आरोप लगने स्वाभाविक है। यह इस क्षेत्र की ही प्रकृति है तो मुझे लगता है कि इसे स्वीकार करके चलना चाहिए। दूसरा हमें उन चीजों में उलझना नहीं चाहिए। बल्कि लोगों ने हमें जिस काम के लिए जिम्मेदारी दी है, उसी में लगे रहना चाहिए। संसद के दोनों सदनों में मेरा प्रयास रहता है कि चर्चा के दौरान बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय तथ्यों और तर्कों के आधार पर अपनी बात रखें। इसके लिए मैं रिसर्च भी करता हूं और जब हमारे पास पक्के उदाहरण होते हैं तो उसे हम सदन में रखते हैं। डिबेट को ऊंचाई पर ले जाने का मेरा प्रयास रहता है।’