नयी दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की वजह से फिरोज़पुर की रैली रद्द हो गई है। पीएम मोदी बठिंडा से हुसैनीवाला होते हुए फिरोजपुर जा रहे थे लेकिन रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया था। वहीं, कांग्रेस ने दावा किया कि पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे लेकिन भीड़ नहीं होने की वजह से उनकी रैली रद्द की गई। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जे पी नड्डा पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय बीजेपी और प्रधानमंत्री को अपने किसान विरोधी रुख पर आत्ममंथन करना चाहिए।
साथ ही, उन्होंने दावा किया कि सड़क मार्ग का उपयोग करना प्रधानमंत्री मोदी के पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। इससे पहले, नड्डा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से उसने प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हरसंभव कोशिश की। गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री पंजाब में 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाइओवर पर फंसे रहे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर खामी माना है और राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय नड्डा जी, आपा मत खोइए। कृपया याद रखिए कि प्रधानमंत्री की रैली में 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, एसपीजी एवं दूसरी एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे, हरियाणा/राजस्थान से आने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हुसैनीवाला तक सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। वास्तव में सड़क मार्ग से जाना उनके तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। किसान मजदूर संघर्ष समिति प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर विरोध कर रही थी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके साथ दो दौर की बातचीत भी की थी।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या आप (नड्डा) जानते हैं कि किसान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? उनकी मांग है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएं, आंदोलन में जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जल्द फैसला हो।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार इन वादों को भूल गई। प्रधानमंत्री की रैली रद्द करने का कारण यह था कि वहां उन्हें सुनने के लिए भीड़ नहीं आई, कुर्सियां खाली थीं। पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आरोप लगाना बंद करिये और भाजपा के किसान विरोधी रुख पर आत्ममंथन करिये। रैली करिये, लेकिन किसानों को सुनिये।’’