BJP के 'अमृत काल' के नारे पर CPM का जोरदार हमला, कहा- यह 'जहर काल' है
सीपीएम नेता ने कहा कि हिंदुत्व की उनकी विचारधारा का धर्म के रूप में हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है और यह चुनावी लाभ के लिए हमारे लोगों को बांटने का एक राजनीतिक औजार है।
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अमरपुर: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने भारतीय जनता पार्टी के ‘अमृत काल’ के नारे को लेकर गुरुवार को उस पर जोरदार हमला बोला। CPM ने कहा कि बीजेपी के शासकाल को ‘जहर काल’ कहना चाहिए। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी और सीपीएम के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। सीपीएम ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने देश के संविधान पर हमला शुरू किया है और राजनीतिक बढ़त के लिए धर्म को औजार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
‘यह अमृत काल नहीं है, यह जहर काल है’
सूबे की राजधानी अगरतला से 70 किलोमीटर दूर स्थित अमरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए CPM पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है, लेकिन हमने पाया कि इस साल के बजट में खाद्य सब्सिडी में कटौती की गई है। यह अमृत काल नहीं है, यह जहर काल है।’ अमरपुर गोमती जिले का उपमंडल है जहां मिश्रित आबादी है। इसमें 3 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से 2 बिरजगंज और अम्पीनगर पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है, क्योंकि लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन, टिपरा मोथा और बीजेपी ने यहां अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
‘हिंदुत्व की विचारधारा का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं’
CPM नेता करात ने कहा, ‘वे धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। हिंदुत्व की उनकी विचारधारा का धर्म के रूप में हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह चुनावी लाभ के लिए हमारे लोगों को बांटने का एक राजनीतिक औजार है।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने ‘हमारे संवैधानिक संस्थानों को नष्ट करके संविधान पर बुलडोजर चला दिया है।’ लेफ्ट पार्टियां लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी अदालतों और मीडिया जैसी संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
‘टिपरा मोथा से मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही थी’
बीजेपी पर देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए करात ने कहा कि बीजेपी गुमनाम चुनावी बॉन्ड जारी कर करोड़ों रुपये बटोर रही है। करात ने दावा किया, ‘बड़े औद्योगिक घराने चुनावी बॉन्ड में करोड़ों रुपये डाल रहे हैं जिसका इस्तेमाल चुनावी मकसद के लिए किया जा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि लेफ्ट पार्टियों ने टिपरा मोथा से मिलकर चुनाव लड़ने का आग्रह किया था, लेकिन जनजातीय दल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पूर्व राज परिवार के सदस्य ने यह दल बनाया है।