लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तपिश अब सूबे के नेताओं के बयानों में भी नजर आने लगी है। यह तय है कि इस बार के चुनावों में अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर एक अहम मुद्दा होने जा रहा है, लेकिन इस बीच एक और मंदिर के मुद्दे ने एंट्री ले ली है। यूपी के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट में कहा है कि अब राम मंदिर के निर्माण के बाद मथुरा की तैयारी है। मौर्य के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने बड़ा पलटवार किया है।
‘मुसलमानों को दबाया और कुचला जा रहा है’
मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सांसद बर्क ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद को तोड़कर जो मंदिर बनाया गया है वह भी कानून और इंसाफ के खिलाफ हुआ है। हिंदुस्तान में मुसलमानों को जबरदस्ती दबाया और कुचला जा रहा है। अब वे मथुरा की बात कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो हिंदुस्तान के अंदर मुसलमान मैदान में आ जाएगा। मुसलमान भी किसानों की तरह धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएगा। मथुरा में विवाद क्या है? जैसे इसको कह रहे थे कि मंदिर है, वैसे ही उसको भी कह रहे हैं। कोई खास विवाद नहीं है बल्कि जबरदस्ती की जा रही है। जुल्म किया जा रहा है हमारे साथ।’
ऐसा क्या कहा था केशव प्रसाद मौर्य ने? सूबे के उपमुख्यमंत्री
केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट में कहा था, ‘
अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है। मथुरा की तैयारी है। #जय_श्रीराम, #जय_शिव_शम्भू, #जय_श्री_राधे_कृष्ण।’ इस बीच मथुरा में 6 दिसंबर को
श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह पर बालकृष्ण का जलाभिषेक, संकल्प यात्रा और रामलीला मैदान में सभा आयोजित करने जैसे कार्यक्रमों की घोषणा करने वाले संगठन जिला प्रशासन के रुख के बाद अपने घोषित कार्यक्रमों से पीछे हट गए हैं। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ‘रेड जोन’ की सुरक्षा में अतिरिक्त बल की तैनाती की है, जो 6 दिसंबर तक वहां मौजूद रहेंगे।
6 दिसंबर को था जलाभिषेक का कार्यक्रम
कुछ दिन पहले अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने 6 दिसंबर को शाही ईदगाह में कथित रूप से पूर्व में स्थित मूल केशवदेव मंदिर के स्थान पर भगवान बालकृष्ण स्वरूप का जलाभिषेक किए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद एक-एक कर कई अन्य संगठन भी अपने नए-नए कार्यक्रमों की घोषणा करने लगे, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी। हिन्दू महासभा, नारायणी सेना, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल जैसे संगठनों ने इस संबंध में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की थी।