चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले अपने नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद उनकी आलोचना की और कहा कि उन्होंने खालसा पंथ के साथ विश्वासघात किया तथा उनके खिलाफ एक मामला दर्ज है, इसलिए उन्होंने पाला बदला। शिअद ने सिरसा के भाजपा में शामिल होने को खालसा पंथ के दुश्मनों की साजिश द्वारा वह हासिल करने की महज एक कोशिश बताया जो वे सिख कौम की इच्छा के साथ हासिल नहीं कर सकते।
शिअद ने एक बयान में कहा, ‘‘यह सिख समुदाय के खिलाफ (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी की तरकीबों को जारी रखना है और सरकारी शक्ति के दुरूपयोग के जरिये तथा झूठे मामले दर्ज कर खालसा पंथ की धार्मिक संप्रभुता पर एक और सीधा हमला है।’’ इसने कहा कि सिरसा, शिअद दिल्ली प्रमुख जत्थेदार हरमीत सिंह कालका और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 11 अन्य सदस्यों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।
शिअद ने कहा, ‘‘लेकिन जब अन्य सभी सदस्यों ने दमन से लड़ने की परंपरा कायम रखी, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिरसा दबाव के आगे झुक गये और खालसा पंथ के साथ विश्वासघात किया।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘खालसा पंथ किसी व्यक्ति से बहुत बड़ा है। लोग आते जाते रहेंगे। खालसा पंथ आगे बढ़ता रहेगा और सदा बढ़ता रहेगा।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘सिख जनसमूह के खिलाफ पंथ के दुश्मन कभी जीत नहीं सकते। इसलिए वे इन साजिशों का सहारा लेकर हमेशा कौम को कमजोर करने की कोशिश करते हैं।’’
सिरसा ने भाजपा में शामिल होने से पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख पद से भी इस्तीफा दे दिया। वह यहां केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के बाद सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। सिरसा राष्ट्रीय राजधानी में शिरोमणि अकाली दल का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का मजबूती से समर्थन करते आ रहे थे।