इंफाल: 5 राज्यों की 690 विधानसभा सीटों में से करीब 5 दर्जन सीटों पर हार और जीत का फैसला महज 1000 वोटों के अंतर से हुआ। इनमें से 21 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने कांटे के इस मुकाबले में जीत दर्ज की। 5 राज्यों में हुई मतगणना के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में फिर से सत्ता में वापसी की। सबसे कांटे का मुकाबला मणिपुर की वाबगई सीट पर रहा जहां जीत और हार का फैसला महज 50 मतों के अंतर हुआ।
बीजेपी के उषम देबेन सिंह ने 50 वोटों से जीता चुनाव
मणिपुर की वाबगई विधानसभा सीट पर बीजेपी के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को सिर्फ 50 वोटों से हराया। मणिपुर में 22 उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला हजार मतों के अंतर से हुआ। बता दें कि बीजेपी ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में स्पष्ट जीत हासिल की है और 60 सीटों में 32 सीटों पर जीत दर्ज की है। विपक्षी दल कांग्रेस अपना अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 5 सीटों पर सिमट गई जबकि 2017 में वह सबसे बड़ी पार्टी थी। हालांकि, 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके ओ इबोबी सिंह ने थौबल सीट से जीत हासिल की।
‘JDU को पिछले चुनाव में जीत नहीं मिली थी’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने 6 और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने 7 सीटें जीती। नगा पीपुल्स फ्रंट को 5 सीटें मिली। JDU को पिछले चुनाव में जीत नहीं मिली थी। 2 सीटों पर कूकी पीपुल्स अलायंस को जीत मिली है। 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में मतगणना धीमी रही क्योंकि तकनीकी गड़बड़ी और आपत्तियों के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई। इस बार बीजेपी का मत प्रतिशत 37.8 फीसदी रहा। कांग्रेस अपने खराब प्रदर्शन के बावजूद 16.8 प्रतिशत मत पाकर सम्मानजनक प्रदर्शन करने में सफल रही।
‘सहयोगी दल बीजेपी को समर्थन देने की पेशकश कर चुके हैं’
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई की प्रमुख ए. शारदा देवी से जब यह पूछा गया कि क्या कोई नया मुख्यमंत्री होगा या एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्रीय दल के रूप में हमारे पास एक संसदीय बोर्ड है, जो राज्य इकाई के पदाधिकारियों के परामर्श से तय करेगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।’ बीजेपी ने मणिपुर में 2017 में सिर्फ 21 सीट जीतने के बावजूद, क्षेत्रीय दलों NPP और NPF के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की ताकत बाद में बढ़कर 28 हो गई थी। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों सहयोगी दल बीजेपी को समर्थन देने की पेशकश कर चुके हैं।