झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे अपनी डाइट और मेन्यू का हिसाब हर रोज सोशल मीडिया पर दे रहे हैं। मसलन, कब कहां समोसा खाएंगे, कहां चाय पीएंगे, कहां नींबू पानी और कब पकौड़ी खाएंगे, इसका पूरा ब्योरा वह बाकायदा पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल रहे हैं।
चौथी बार संसद पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे गोड्डा सीट से तीन बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और चौथी बार संसद पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी दलील है कि यह लड़ाई पूरी तरह एकतरफा है। इस वजह से उन्होंने तय किया है कि वे वोट मांगने के लिए “प्रचार” नहीं करेंगे। इसके बजाय वह हर रोज जगह-जगह जाकर लोगों के साथ कहीं चाय तो कहीं लंच पर मिलेंगे और उनसे चर्चा करेंगे। मर्जी होगी तो कहीं क्रिकेट खेलेंगे।
टपरी पर खुद चाय बनाकर लोगों को पिलाई
कुछ दिनों पहले देवघर स्थित टावर चौक पर उनका अनोखा अंदाज भी देखने को मिला था। दरअसल, शाम के वक्त गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे अपने पूरे परिवार के साथ एक चाय की दुकान पर पहुंच गए थे। यहां पर उन्होंने दुकान में खुद चाय बनानी शुरू कर दी। यहां तक कि उन्होंने पूरे परिवार के साथ चाय पी और लोगों को भी चाय पिलाई। इस खास अवसर पर सांसद निशिकांत दुबे को देखने और उनके हाथों बनी चाय पीने के लिए काफी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी थी।
चाय का महत्व भी समझाया
उन्होंने कहा था कि जब एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो चाय का कितना महत्व है, इसे समझा जा सकता है। उन्होंने वीडियो को रिट्वीट करते हुए लिखा था- ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचमुच सर्दी, गर्मी, बरसात के संघर्षों के साथ अपने जीवन को तपोबल से सामर्थ्यवान बनाया। उसी का परिणाम भारत आज एक मजबूत राष्ट्र है। हमें गर्व है कि मोदी जी के हम कार्यकर्ता हैं।''
कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव से है मुकाबला
निशिकांत दुबे का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप यादव से है, लेकिन वह कहते हैं कि यहां मेरा कोई मुकाबला ही नहीं है। प्रदीप यादव को गोड्डा की जनता चार बार हरा चुकी है। वह बलात्कार के केस में अभियुक्त हैं। भला ऐसे उम्मीदवार से लड़ने के लिए क्या प्रचार करना। दूसरी तरफ, प्रदीप यादव का कहना है कि इस बार गोड्डा की जनता अहंकार को हराएगी। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि इस बार वे चुनाव नहीं जीते तो इसके बाद कोई दूसरा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करेंगे।
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