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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही खरगे के खाते में जीत, जानें किस वजह से हिमाचल में आ गई कांग्रेस?

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही खरगे के खाते में जीत, जानें किस वजह से हिमाचल में आ गई कांग्रेस?

Congress Victory in Himachal Pradesh: चुनाव परिणामों के लिहाज से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मल्लिकार्जुन खरगे के लिए शुभकारी साबित हुआ है। दो राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस को एक में हार तो दूसरे राज्य में जीत का स्वाद चखने का मौका मिला है।

मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस- India TV Hindi Image Source : PTI मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस

Congress Victory in Himachal Pradesh: चुनाव परिणामों के लिहाज से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मल्लिकार्जुन खरगे के लिए शुभकारी साबित हुआ है। दो राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस को एक में हार तो दूसरे राज्य में जीत का स्वाद चखने का मौका मिला है। हिमाचल प्रदेश में खरगे के अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मुख्य चुनाव प्रचार थीं। 68 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया है। जबकि भाजपा को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा। 

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की इस जीत के साथ वर्ष 1985 के बाद से हर पांच साल में सत्ता बदलने का चला आ रहा सिलसिला भी बरकरार रहा है। कांग्रेस की पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी का मुख्य आधार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का वादा, महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये और 300 यूनिट फ्री बिजली के साथ सत्ता विरोधी माहौल बताया जा रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान को ओपीएस के आधार पर खड़ा किया था और उसे इसका फायदा भी मिला। गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही थी, तो वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा को बरकरार रखने की आशा कर रही थी। 

पीएम मोदी के प्रचार की बदौलत भाजपा ला सकी सम्मानजनक सीटें
हिमाचल में भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और कहा था कि भाजपा के चिह्न ‘‘कमल’’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संभाली थी। हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए थे। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया था। भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने, महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये देने और कई अन्य वादे किए थे।