गुजरात का फाइनल ओपिनियन पोल, इस बार पाटीदार समाज किसके साथ?
गुजरात की 182 में से 54 सीटें सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में ही हैं। राज्य के कुल 33 जिलों में से 12 जिले सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में पड़ते हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ चुकी है। 1 दिसंबर को पहले चरण और 5 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा। वहीं परिणाम 8 दिसंबर को आएगा। इस बार गुजरात विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय होने वाला है। साल 2017 में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जंग थी, लेकिन इस बार मैदान में आम आदमी पार्टी भी है। गुजरात में बीजेपी की सरकार है, इसलिए उसके लिए ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। अब पहले चरण के चुनाव का प्रचार-प्रसार थमने वाला है।
सौराष्ट्र-कच्छ में बीजेपी की लहर
इंडिया टीवी और मैटेराइज के तरफ से आखिरी ओपिनियन पोल किया गया है, जिसमें सभी विधानसभा सीटों पर सर्वे किया गया है। इस सर्वे को 20-27 नवंबर तक 45,500 लोगों के बीच किया गया। इंडिया टीवी और मैटेराइज के तरफ से किए गए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि इस बार बीजेपी को सौराष्ट्र-कच्छ में 33 सीटें मिल सकती है तो वहीं कांग्रेस को 19 सीटें मिलने की संभावना है। AAP भी दो सीट निकालने में कामयाब होती दिख रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि सौराष्ट्र में इस बार बीजेपी को 10 सीटों पर बढ़त मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 12 सीटों पर नुकसान होता दिख रहा है। बता दें, सौराष्ट्र-कच्छ में 54 विधानसभा सीट है।
पाटीदारों का बेल्ट
गुजरात की 182 में से 54 सीटें सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में ही हैं। राज्य के कुल 33 जिलों में से 12 जिले सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में पड़ते हैं। सौराष्ट्र को पाटीदार बेल्ट माना जाता है। 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सौराष्ट्र की 54 विधानसभा सीटों में से 23 सीटों पर जीत हासिल की थी।
2017 में बीजेपी को नुकसान
साल 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सौराष्ट्र-कच्छ में झटका लगा था। उस समय कांग्रेस को 54 सीटों में से 30 सीटें मिली थी। वहीं बीजेपी के पाले में 23 सीटें आई थी। चुनावी समीक्षकों ने बताया कि हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार आंदोलन चल रहा था। इसलिए बीजेपी को काफी नुकसान उठानी पड़ी। हालांकि इस बार हार्दिक पटेल बीजेपी में हैं तो ऐसे में बीजेपी के लिए ये प्लस प्वाइंट है।