हल्द्वानी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र और उत्तराखंड की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर इस राज्य को विकास से वंचित रखने का आरोप लगाया और कहा कि इसकी वजह से यहां की जनता को अपने गांवों से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। हल्द्वानी में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकार की सिर्फ उत्तराखंड को ‘लूटने’ में दिलचस्पी थी और राज्य के विकास से उसका कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है ताकि राज्य के सामर्थ्य का सदुपयोग करते हुए इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाया जा सके।
गुरुवार को हल्द्वानी में 17,500 करोड़ से अधिक की 23 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह बातें कही। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं, पिथौरागढ़ में एक पनबिजली परियोजना और नैनीताल में सीवरेज नेटवर्क शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपये है। उन्होंने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया उनमें सिंचाई, सड़क, आवासीय, स्वास्थ्य ढांचा, उद्योग, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति सहित कई क्षेत्रों से संबंधित 17 परियोजनाएं शामिल हैं और इनकी कुल लागत 14,100 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री ने लगभग 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली और वर्षों से लंबित लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की आधारशिला रखी और 8,700 करोड़ रुपये की कई सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। मोदी ने कहा कि लखवाड़ परियोजना की कल्पना 1974 में की गई थी और इसके साकार होने में 46 वर्ष लग गए। उन्होंने जनता से संवाद करते हुए सवाल किया, ‘यह गुनाह है कि नहीं है। यह पाप है कि नहीं है। ऐसा गुनाह और पाप करने वालों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं मिलनी चाहिए? क्या उनकी बड़ी-बड़ी बातों से भ्रम में आ जाओगे?’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पिछले सात सालों के कामकाज का रिकॉर्ड देख लें तो पता चलेगा कि खोज खोज कर इन पुरानी चीजों को ठीक करने में ही समय व्यतीत कर रहे हैं।
मोदी ने जनता से आह्वान किया, ‘मैं काम कर रहा हूं, आप उनको (विपक्ष) ठीक कीजिए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों को यदि जनता की चिंता होती क्या लखवाड़ परियोजना चार दशक तक लटकती। कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद से ही उत्तराखंड के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं। एक धारा है पहाड़ को विकास से वंचित रखो और दूसरी धारा है पहाड़ के विकास के लिए दिन-रात एक कर दो। पहली धारा वाले लोग आपको हमेशा विकास से वंचित रखना चाहते हैं, पहाड़ों पर सड़क, बिजली और पानी पहुंचाने के लिए मेहनत करने से दूर भागते रहे।’ उन्होंने कहा कि यहां के लोग अच्छी सड़कों और बेहतर सुविधाओं के अभाव में उत्तराखंड छोड़कर कहीं और जाकर बस गए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में रह चुके लोगों में से एक ने कहा था, ‘चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वे ऐसा सोच भी नहीं सकते। आज मुझे संतोष है कि उत्तराखंड के लोग देश के लोग इस प्रकार की बर्बादी लाने वालों का कच्चा चिट्ठा खोल चुके हैं और उनका सच जान चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी की ‘डबल इंजन’ की सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ तेज गति से देश को नई ऊंचाई पर ले जाने में जुटी है।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब जनता इनकी सच्चाई जान चुकी है तो इन लोगों ने अफवाह फैलाने का काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उधमसिंह नगर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश के सेटेलाइट केंद्र और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय का शिलान्यास भी किया। मोदी ने उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज और काशीपुर इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए लगभग 2,400 मकानों के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इन घरों का निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 170 करोड़ रुपए से अधिक की कुल लागत से किया जाएगा।