पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ देर में आना शुरू हो जाएंगे। प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें करीब 76.44 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। वहीं छह दिसंबर तक मिर्वचन आयोग को 52,859 (लगभग 87 प्रतिशत) डाक मतपत्र प्राप्त हुए थे। आज इन सभी मतों की गणना की जाएगी और परिणाम घोषित किये जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में अगले 5 वर्षों तक कौन सरकार चलाएगा, यह दोपहर तक साफ़ हो जायेगा।
1985 से हर बार बदली है सरकार
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1985 के बाद से कोई भी सरकार रिपीट नहीं कर पाई थी। राज्य में यह रिवाज चलता आया है कि हर 5 साल बाद सरकार बदल जाती है। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि रिवाज बदलेगा और उसका राज कायम रहेगा। वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रदेश की जनता सरकार बदलने के रिवाज को कायम रखेगी और उसकी सरकार बनेगी।
चुनाव में हार जाते हैं लगभग आधे मंत्री
प्रदेश में रिवाजों को देखें तो यहां हर बार मौजूदा सरकार के 45 से 75 प्रतिशत मंत्रियों के हारने की परम्परा रही है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि जयराम सरकार के मंत्रियों की विधायकी जा सकती है। माना जा रहा है कि जयराम सरकार के11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे हैं। इस ट्रेंड से बचने के लिए इस बार दो मंत्रियों के तो सीट भी बदल दी गई।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के CM वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार गए थे। 2012 में BJP सरकार में CM प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए। इसी तरह 2003 में BJP के CM प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री जीत नहीं सके।
इंडिया टीवी सर्वे के मुताबिक हिमाचल में बीजेपी को बहुमत का अनुमान
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की फिर से सरकार बनती दिख रही है। इस सर्वे में बीजेपी को 35 से 40 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस के खाते में 26 से 31 सीटें जाती हुई दिख रही हैं। वहीं आम आदमी पार्टी का खाता भी खुलता नहीं दिख रहा है। इसके साथ ही 0 से 3 सीटें अन्य के खाते में दिख रही हैं।