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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट्स 2022: राज्य में कांग्रेस की बड़ी बढ़त, बीजेपी पिछड़ी, आप का खाता भी नहीं खुला

हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट्स 2022: राज्य में कांग्रेस की बड़ी बढ़त, बीजेपी पिछड़ी, आप का खाता भी नहीं खुला

प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें करीब 76.44 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। वहीं छह दिसंबर तक निर्वाचन आयोग को 52,859 (लगभग 87 प्रतिशत) डाक मतपत्र प्राप्त हुए थे।

हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट्स 2022- India TV Hindi Image Source : INDIA TV हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट्स 2022

हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022 के परिणाम आने शुरू हो गए हैं। प्रदेश में हर बार सत्ता बदलने की रिवाज रही है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय हुआ था। जहां भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आप के बीच टक्कर थी। लेकिन शुरूआती रुझान में मामला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रहा है। 

खबर लिखे जाने तक हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटों पर बढ़त बनाई हुई थी वहीं कांग्रेस ने भी 40 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। वहीं 3 सीटों पर अन्य ने बढ़त बनाई हुई है। प्रदेश में इस समय जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है और ऐसा माना जाता है कि हर 5 साल के बाद यहां सरकार बदल जाती है। 

अय्राम ठाकुर के कई मंत्री शुरूआती रुझान में पीछे 

मतगणना के शुरुआत में लाहौल स्पीति से बीजेपी के उम्मीदवार और मंत्री रामलाल मंत्री रामलाल मार्कंडेय कांग्रेस के रवि ठाकुर से पीछे चल रहे हैं। वहीं मनाली से भी जयराम सरकार में मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर भी पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं मंडी के द्रंग से कांग्रेस के कौल सिंह ठाकुर आगे चल रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश की चंबा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार नीराज नैयर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री और सिराज से बीजेपी उम्मीदवार जयराम ठाकुर अभी आगे चल रहे हैं।  

चुनाव में हार जाते हैं लगभग आधे मंत्री 

प्रदेश में रिवाजों को देखें तो यहां हर बार मौजूदा सरकार के 45 से 75 प्रतिशत मंत्रियों के हारने की परम्परा रही है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि जयराम सरकार के मंत्रियों की विधायकी जा सकती है। माना जा रहा है कि जयराम सरकार के11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे हैं। इस ट्रेंड से बचने के लिए इस बार दो मंत्रियों के तो सीट भी बदल दी गई।

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के CM वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार गए थे। 2012 में BJP सरकार में CM प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए। इसी तरह 2003 में BJP के CM प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री जीत नहीं सके।