Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश की 5 सबसे बड़ी सीटें, जिसके रिजल्ट पर टिकी हैं सबकी निगाहें
Himachal Assembly Election 2022: दिल्ली के एमसीडी चुनाव के रिजल्ट साथ सबका ध्यान हिमाचल प्रदेश के चुनाव के नतीजों पर भी है। आज हम आपको इस प्रदेश की 5 सबसे बड़ी सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Himachal Assembly Election 2022: राज्य विधानसभा चुनाव में वोटिंग परसेंटेज काफी बेहतरीन सामने आई है। ज्यादा वोटिंग हो तो भी जरूरी नहीं है कि कोई राजनीतिक दल ज्यादा सीटें ले रहा है। वहीं प्रदेश का एग्जिट पोल भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है, क्योंकि कई एजेंसियों ने हिमाचल में दोनों दलों को करीब बराबर-बराबर वोट हासिल करने का अनुमान लगाया है। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश की 5 सबसे बड़ी सीटों के बारे में बताने वाले हैं, जिन पर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की नजर टिकी है।
1. शिमला ग्रामीण
बीजेपी: बीजेपी ने इस सीट पर अपने कद्दावर नेता रवि मेहता को प्रत्याशी बनाया है। रवि मेहता पहले शिमला के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। इससे पहले वे कैलाश सहकारी संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
कांग्रेस: इस सीट पर कांग्रेस से विक्रमादित्य सिंह प्रत्याशी हैं। विक्रमादित्य प्रदेश के दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी भी हैं। इनके पास 1,01,39,61,033 (101 करोड़) की चल-अचल संपत्ति है। हिमाचल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।
2. सिराज
बीजेपी: इस सीट पर देश भर की नजर बनी हुई है, क्योंकि इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कंधों पर है। सिराज विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का प्रभाव काफी सालों है। 2012 से पहले यह चच्योट विधानसभा क्षेत्र था, 2003 और 2007 में जयराम ठाकुर चच्योट के विधायक रहे। इसके अलावा, जयराम ठाकुर सिराज से 2012 और 2017 में भी चुनाव जीते और अभी वह हिमाचल के सीएम हैं। इस तरह वह इस सीट पर पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।
कांग्रेस: मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी चेतराम ठाकुर को सौंपी है। आपको बता दें कि इससे पहले साल 2017 के चुनावों में बीजेपी के जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को ग्यारह हजार से भी ज्यादा वोट पाकर बड़े अंतर से हराया था। ऐसा माना जाता है कि इस सीट पर सबसे ज्यादा राजपूत बिरादरी का प्रभाव है।
3. सुलह
बीजेपी: सुलह विधानसभा सीट पर 2017 का चुनाव भाजपा के विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस के जगजीवन पाल को 10,291 वोटों के बड़े अंतराल से मात देकर जीता था। इस जीत के बाद एक बार फिर भाजपा ने इस सीट की बागडोर विपिन सिंह परमार को दी है।
कांग्रेस: विपिन के सामने इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नए चेहरे जगदीश सिपहिया (Congress Jagdish Sipahiya) को चुनावी दंगल में उतारा है। आपको बता दें कि जगदीश पूर्व बैंक मैनेजर हैं। वह वीरभद्र सिंह गुट के करीबी माने जा रहे हैं।
4. डलहौजी
बीजेपी: इस बार हिमाचल की डलहौजी सीट हासिल करना भाजपा का बड़ा सपना है। क्योंकि लंबे समय से यहां भाजपा ने जीत का स्वाद नहीं चखा है। इसलिए भाजपा ने डीएस ठाकुर (धविन्द्र सिंह) को चुनाव मैदान में उतारा है।
कांग्रेस: कांग्रेस से मौजूदा विधायक आशा कुमारी भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही हैं। आपको बता दें कि इस सीट पर बीते 10 साल से कांग्रेस का कब्जा रहा है। इसलिए इस चुनाव में सबकी नजर इस सीट पर बनी हुई है।
5. मंडी सदर
बीजेपी: इस सीट पर भाजपा से अनिल शर्मा प्रत्याशी हैं। मंडी विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में भी अनिल शर्मा ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के अनिल ने यह सीट कांग्रेस की चंपा ठाकुर को 10,257 मतों से हराकर तीसरी बार जीती थी। इसी विश्वास पर भाजपा ने एक बार अनिल को इस सीट की जिम्मदारी दी है।
कांग्रेस: कांग्रेस ने चंपा ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। इसके पहले भी दो बार चंपा ने इस सीट से कांग्रेस को शिकस्त का मुंह दिखाया है। लेकिन तीसरी बार उनपर पार्टी का यह भरोसा क्या नतीजा लाएगा ये तो वक्त ही बताएगा।