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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज नेहरू का नेतृत्व निर्णायक होता तो गोवा 1947 में ही आजाद हो गया होता: अमित शाह

नेहरू का नेतृत्व निर्णायक होता तो गोवा 1947 में ही आजाद हो गया होता: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिचोलिम में एक जनसभा में कहा, कांग्रेस ने हमेशा गोवा के साथ अन्याय किया है।

Amit Shah, Amit Shah Nehru, Amit Shah Jawaharlal Nehru, Jawaharlal Nehru- India TV Hindi Image Source : PTI FILE Home Minister Amit Shah and Defense Minister Rajnath Singh.

Highlights

  • अगर नेहरू का नेतृत्व निर्णायक होता, तो गोवा भी देश के बाकी हिस्सों की तरह 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त कर लेता: शाह
  • गोवा को 1947 में ही आजाद कर दिया गया होता अगर सशस्त्र बलों को इसे पुर्तगाली शासन से मुक्त करने का आदेश दिया जाता: राजनाथ
  • राजनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर चीन-पाकिस्तान मित्रता और 2020 गलवान घाटी संघर्ष पर उनके बयानों को लेकर निशाना साधा।

बिचोलिम (गोवा): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नेतृत्व निर्णायक होता, तो गोवा को देश के बाकी हिस्सों की तरह 1947 में ही आजादी मिल जाती। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि गोवा 1947 में ही आजाद हो गया होता अगर सशस्त्र बलों को इसे पुर्तगाली शासन से मुक्त करने का आदेश दिया जाता। दोनों नेताओं ने गोवा में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

‘कांग्रेस ने हमेशा गोवा के साथ अन्याय किया है’
शाह ने बिचोलिम में एक जनसभा में कहा, ‘कांग्रेस ने हमेशा गोवा के साथ अन्याय किया है। चाहे आजादी हासिल करने की बात हो या विकास की। इतिहास गवाह है। अगर नेहरू का नेतृत्व निर्णायक होता, तो गोवा भी देश के बाकी हिस्सों की तरह 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त कर लेता।’ गोवा 19 दिसंबर 1961 को लगभग 450 साल पुराने पुर्तगाली शासन से आजाद हुआ था। उन्होंने कहा, ‘काफी संघर्ष के बाद, गोवा को आजादी मिली। इसे हासिल करने में काफी समय लगा। कल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में अपने संबोधन में यह मुद्दा उठाया कि गोवा को इतनी देर से आजादी मिलने के लिए कौन जिम्मेदार है?’

‘गोवा में मतदाताओं के सामने केवल 2 विकल्प हैं’
शाह ने कहा कि गोवा में मतदाताओं के सामने केवल 2 विकल्प हैं, एक कांग्रेस पार्टी है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं और दूसरा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) है। वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोंडा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘गोवा को 1947 में ही आजाद कर दिया गया होता अगर सशस्त्र बलों को इसे पुर्तगाली शासन से मुक्त करने का आदेश दिया जाता।’ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर चीन-पाकिस्तान मित्रता और 2020 गलवान घाटी संघर्ष पर उनके बयानों को लेकर निशाना साधा।

राजनाथ सिंह ने नेहरू और इंदिरा का किया जिक्र
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान ही चीन और पाकिस्तान घनिष्ठ मित्र बन गए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको (राहुल गांधी को) याद दिलाना चाहता हूं कि जब पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे, तो पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में शक्सगाम घाटी पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और बाद में इसे चीन को सौंप दिया था। इतना ही नहीं, काराकोरम राजमार्ग को चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती के प्रतीक के रूप में बनाया गया था, जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।’

राजनाथ सिंह ने गिनाए मोदी सरकार के काम
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह वह समय था (कांग्रेस सरकारों के दौरान) कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती शुरू हुई। लोगों को मूर्ख मत बनाओ। उन्हें सच बताओ। मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने जो भी वादे किए, उन्हें पूरा किया है।’ उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने, संशोधित नागरिकता अधिनियम और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।