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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज केजरीवाल की मौज ही मौज, दो दिन में बड़ा फायदा, गुजरात-हिमाचल में हारने के बावजूद बनाया ये अनोखा रिकॉर्ड

केजरीवाल की मौज ही मौज, दो दिन में बड़ा फायदा, गुजरात-हिमाचल में हारने के बावजूद बनाया ये अनोखा रिकॉर्ड

AAP National Party: आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली नगर निगम के चुनावों में जीत गई है। लेकिन वह गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन हासिल नहीं कर पाई है।

AAP ने हासिल किया राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा- India TV Hindi Image Source : PTI AAP ने हासिल किया राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने दो दिन में डबल फायदा हासिल कर लिया है। पार्टी बेशक आज यानी गुरुवार को जारी हो रहे गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में सबसे पीछे चल रही है। जिससे पता चलता है कि दोनों ही राज्यों में उसकी हार पक्की है। बावजूद इसके आप ने बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। आप ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर लिया है। जिसके बाद देश में राष्ट्रीय दलों की संख्या बढ़कर नौ हो जाएगी। 

आप ने गुजरात में हुए चुनावों में 13 फीसदी वोट हासिल कर लिए हैं। इससे वह गुजरात में क्षेत्रीय पार्टी और राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। इसका ऐलान चुनाव आयोग बाद में कर सकता है।

वहीं एक दिन पहले आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में भी जीत हासिल हुई है। आप ने एमसीडी चुनाव में बुधवार को 134 सीट जीतकर नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया। एमसीडी के 250 वार्ड में हुए चुनाव में भाजपा ने 104 सीट हासिल की, जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ नौ सीट आईं। 

देश में राजनीतिक पार्टियां कितनी हैं?

चुनाव आयोग के अनुसार, कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीआईएम और एनपीपी राष्ट्रीय पार्टी हैं। एनपीपी को राष्ट्रीय दल का दर्जा साल 2019 में मिला था। आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब और गोवा में राज्य स्तर की पार्टी यानी क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल कर चुकी है। उसे गोवा में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में 6.8 फीसदी वोट हासिल हुए थे।

राष्ट्रीय दल की पार्टी बनने के लिए इनमें से कोई एक शर्त पूरी करनी जरूरी 

  • चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त किया हो।
  • तीन राज्यों को मिलाकर लोकसभा की तीन फीसदी सीटों पर जीत हासिल की हो।
  • चार लोकसभा सीटों के अलावा संसदीय या विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में 6 फीसदी वोट प्राप्त किए हों।