Gujarat Assembly Elections: पिछले कुछ सालों में देश की सियासत भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई दी है। 1998 के बाद से देश में और काफी हद तक प्रदेशों में भी सत्ता के केंद्र में यही पार्टियां रही हैं। बीजेपी की बात करें तो 2014 के बाद इसने स्वप्निल कामयाबी हासिल की है, और आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला रुकता दिखाई नहीं दे रहा। कांग्रेस सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में अभी भी कायम है, लेकिन मौजूदा हालात पर गौर करें तो आने वाले सालों में उससे यह तमगा भी छिन सकता है।
कांग्रेस की जगह भरने में लगी है AAP
आम आदमी पार्टी को अस्तित्व में आए अभी एक दशक भी नहीं हुआ है, फिर भी यह दल उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहा है। दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के अलावा पार्टी ने उत्तराखंड और गोवा में अच्छा प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि गोवा में पार्टी को 6.8 फीसदी वोट मिले और इसने निश्चित तौर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया होगा, और उत्तराखंड में भी इसे 3 फीसदी से ज्यादा वोट मिले।
Image Source : PTIअरविंद केजरीवाल ने हाल ही में गुजरात के कई दौरे किए हैं।
गुजरात चुनाव होगा टर्निंग पॉइंट
मौजूदा हालात को देखें तो गुजरात में आम आदमी पार्टी तेजी से आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है। कई ओपिनियन पोल्स में हालांकि वह सीटों के तौर पर बहुत ज्यादा कामयाबी हासिल करती नहीं दिख रही है, लेकिन कांग्रेस को इतना नुकसान जरूर पहुंचा रही है कि बीजेपी को फायदा हो जाए। अगर ओपिनियन पोल खरे उतरते हैं तो न सिर्फ बीजेपी अपना अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन कर सकती है, बल्कि अगले विधानसभा चुनावों तक दिल्ली की ही तरह गुजरात से भी कांग्रेस की विदाई शुरू हो जाएगी।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनेगी AAP?
सवाल यह उठता है कि क्या प्रदेशों में और लोकसभा में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में कांग्रेस को रिप्लेस कर पाएगी? सियासत संभावनाओं का खेल है, और यहां कुछ भी मुमकिन है, लेकिन निकट भविष्य में AAP कांग्रेस को रिप्लेस करती नहीं दिखती। यह हकीकत है कि लोकसभा में AAP का एक भी सांसद नहीं है, और निकट भविष्य में उसे चमत्कारी समर्थन मिलने की उम्मीद भी नहीं दिखती, लेकिन कुछ राज्यों में वह जरूर अपना आधार तेजी से मजबूत कर सकती है।
Image Source : PTIगुजरात का विधानसभा चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।
कांग्रेस के लिए कितनी बड़ी चुनौती है AAP?
दरअसल, कांग्रेस और AAP दोनों ही बीजेपी के खिलाफ लड़ रही हैं जो कि इन दिनों 'हिंदुत्व' के अश्वमेघ पर सवार है। पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने पब्लिक डिस्कोर्स को भी पूरी तरह से बदल दिया है, और यही वजह है कि तमाम चुनावों में उसे लगातार कामयाबी मिलती जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस और AAP दोनों ही लगभग एक ही तरह की राजनीति करती हैं, इसलिए कांग्रेस का वोटर तो AAP में शिफ्ट कर जाएगा, लेकिन BJP का वोटर भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर भरोसा करेगा, इसकी उम्मीद कम ही है।