गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: पहले दौर की वोटिंग खत्म, कांग्रेस ने बूथ पर कब्जे और फर्जी मतदान की शिकायत की
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले दौर का मतदान खत्म हो चुका है। इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को सुरेंद्रनगर जिले में चुनाव अधिकारियों को छह अलग-अलग शिकायतें सौंपीं।
अहमदाबाद : गुजरात में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के तहत 89 सीटों पर मतदान समाप्त होने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को सुरेंद्रनगर जिले में चुनाव अधिकारियों को छह अलग-अलग शिकायतें सौंपीं। कांग्रेस ने एक शिकायत में आरोप लगाया कि सुरेंद्रनगर जिले की लिंबडी विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले समला गांव में स्थित एक चुनाव बूथ पर कुछ असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया। हालांकि, सुरेंद्रनगर के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधीश के सी संपत ने कहा कि जांच से पता चला है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई और सीधे वेबकास्ट के माध्यम से जिला स्तर पर बूथ की निगरानी की जा रही थी।
टेलीविजन चैनल पर मतदाताओं के इंटरव्यू का प्रसारण रोका जाए-कांग्रेस
अन्य शिकायतों में बोटाड जिले के कुछ बूथ पर असामाजिक तत्वों द्वारा फर्जी मतदान, जामनगर में अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मतदान प्रक्रिया को धीमा करना और सूरत शहर के पलसाना क्षेत्र में एक बूथ के अंदर पार्टी के प्रतीक चिह्न ले जाने की अनुमति देना शामिल है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा कि गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भी एक शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें कहा गया कि टेलीविजन चैनल वोट डालकर बाहर निकलने वाले मतदाताओं के साक्षात्कार चला रहे हैं, जो उन लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, जो दूसरे चरण में पांच दिसंबर को होने वाले मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
पीएम मोदी की रैलियों सीधा प्रसारण भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन-कांग्रेस
बैंकर ने यह भी कहा, “कांग्रेस ने यह भी शिकायत की है कि गुजरात के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों (द्वितीय चरण के प्रचार के हिस्से के रूप में भाजपा द्वारा आयोजित) का सीधा प्रसारण भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, क्योंकि जब रैलियों का प्रसारण किया जा रहा था, तब मतदान चल रहा था।” हालांकि, गुजरात के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी कुलदीप आर्य ने स्पष्ट किया कि राज्य के अन्य हिस्सों (पहले चरण के मतदान में शामिल नहीं) में आयोजित प्रधानमंत्री की रैलियों और मतदाताओं के साक्षात्कार का प्रसारण किसी नियम का उल्लंघन नहीं है।
आर्य ने कहा, “नियम के अनुसार, कोई भी वहां रैलियां कर सकता है, जहां प्रचार पर रोक लागू नहीं है। हम चयनित स्थानों पर टीवी प्रसारण बंद नहीं कर सकते। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं। मतदान के बाद मतदाताओं के साक्षात्कार की भी अनुमति है। इसे चुनावी सर्वेक्षण नहीं माना जाता।” पांच दिसंबर को दूसरे चरण के चुनाव के तहत राज्य विधानसभा की शेष 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मतगणना आठ दिसंबर को होगी।
इनपुट-भाषा