पणजी: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू चाहते, तो गोवा को 1947 में जब भारत को आजादी मिली उसके कुछ “घंटों के भीतर” मुक्त किया जा सकता था, लेकिन राज्य को पुर्तगाली शासन से मुक्त होने में 15 साल लग गए। राज्य में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां के निकट मापुसा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस गोवा को अपना ‘दुश्मन’ मानती रही है और वही व्यवहार अब भी जारी है जिसे पार्टी द्वारा राज्य पर लगातार थोपी गई राजनीतिक अस्थिरता के माध्यम से देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए प्रचार करते हुए कहा, “कांग्रेस ने गोवा के युवाओं की राजनीतिक संस्कृति, आकांक्षाओं को कभी नहीं समझा। उनके मन में हमेशा गोवा के प्रति शत्रुता की भावना रही है।” भाजपा राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिये जनादेश की मांग कर रही है। मोदी ने कहा कि कई ऐतिहासिक तथ्य हैं जिन्हें लोगों से छिपाकर रखा जाता है। उन्होंने कहा, “दो-तीन दिन पहले मैंने संसद में बात की थी और देश को सच बताया था कि कैसे कांग्रेस ने गोवा के मुक्ति आंदोलन को तबाह कर दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बहुत से लोग नहीं जानते कि गोवा भारत की आजादी के 15 साल बाद आजाद हुआ था। (आजादी के बाद) भारत के पास सेना के रूप में एक ताकत थी, एक मजबूत नौसेना थी काम (गोवा की मुक्ति) कुछ घंटों में हो सकता था, लेकिन कांग्रेस ने 15 साल तक कुछ नहीं किया। 19 दिसंबर 1961 को मुक्त कराए गए गोवा को 1987 में राज्य का दर्जा मिला।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने गोवा को तब “छोड़” दिया जब लोग इसकी मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और सत्याग्रहियों को गोलियों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार उनके बचाव के लिये नहीं आई।” मोदी ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने लाल किले से अपने भाषण में विशेष रूप से कहा था कि वे गोवा को आजाद कराने के लिए सेना नहीं भेजेंगे, उन्होंने उसके लोगों को असहाय छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “क्या गोवा के लिये यही तरीका है? गोवा के बारे में कांग्रेस के विचार पहले भी ऐसे थे और अब भी।”