गोवा चुनाव 2022: बीजेपी सिर्फ 38 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, 16 जनवरी के बाद होगी उम्मीदवारों की घोषणा
गोवा चुनाव को लेकर भाजपा ने बैठक कर ली है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा है कि 38 सीटों पर हम चुनाव लड़ने वाले हैं। उम्मीदवारों की सूची भी जल्द जारी होगी।
Goa Election 2022: भारतीय जनता पार्टी ने गोवा चुनाव को लेकर बैठक कर ली है। शुक्रवार को बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पार्टी के सीटों और उम्मीदवारों को लेकर जानकारी दी है। इससे साफ है कि भाजपा गोवा में सभी विधानसभा सीटों से नहीं लड़ेगी। केवल 38 सीटों से ही अपने उम्मीदवारों को उतारने की सोच रही है।
गोवा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में 40 में से 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शुक्रवार ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि दो विधानसभा क्षेत्रों - बेनालिम और नुवेम में पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। बेनालिम और नुवेम विधानसभा क्षेत्र के लोग परंपरागत रूप से गैर-भाजपाई उम्मीदवारों के लिये मतदान करते हैं। यह दोनों ईसाई बहुल सीटें हैं।
फिलहाल बेनालिम का प्रतिनिधित्व चर्चिल अलेमाओ करते हैं जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद पिछले महीने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे। वहीं नुवेम का प्रतिनिधित्व विल्फ्रेड डीसा करते हैं जिन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
उम्मीदवारों की घोषणा 16 जनवरी के बाद
पदाधिकारी ने कहा, “उम्मीदवारों के बारे में औपचारिक घोषणा 16 जनवरी के बाद की जाएगी, जब पार्टी का संसदीय बोर्ड सूची को मंजूरी देगा।” उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा अपनी कोर समिति की बैठकें कर रही है। गोवा चुनावों के लिए पार्टी के प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसमें भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सदानंद शेत तानावड़े, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित अन्य लोग शामिल हुए।
गोवा में बीजेपी के 4 MLA दे चुके हैं इस्तीफा
बता दें, भाजपा वर्तमान में गोवा में अपने 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है क्योंकि इनके चार विधायक- माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। माइकल लोबो ने इस्तीफा देने के बाद आरोप लगाया था कि पार्टी छोटे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही है।