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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Assembly Election 2022: उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस प्रमुख किशोर उपाध्याय 6 साल के लिए निष्कासित, पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें निकाला

Assembly Election 2022: उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस प्रमुख किशोर उपाध्याय 6 साल के लिए निष्कासित, पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें निकाला

उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे पहले उन्हें पार्टी के पदों से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें निष्कासित करने की कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार किशोर उपाध्याय काफी समय से बीजेपी के साथ काफी करीब नजर आ रहे थे। ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें पहले पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। अब उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। 

किशोर उपाध्याय- India TV Hindi Image Source : ANI किशोर उपाध्याय

उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे पहले उन्हें पार्टी के पदों से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें निष्कासित करने की कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार किशोर उपाध्याय काफी समय से बीजेपी के साथ काफी करीब नजर आ रहे थे। ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें पहले पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। अब उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। 

बता दें कि उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पिछले दिनों किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाने का आदेश जारी किया था। तब अपने आदेश में देवेंद्र यादव ने कहा था कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं।पत्र में कहा गया कि चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है, लेकिन दुख की बात है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं।

पत्र में जिक्र किया गया था कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद, इसमें शामिल होने का उनका आचरण पार्टी विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है और आगे की कार्रवाई लंबित है। यह लंबित कार्रवाई अब उनके निष्कासन के रूप में सामने आई है।