Delhi MCD Result: दिल्ली के नगर निगम चुनावों में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत दे दी है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134 सीटें, बीजेपी को 104 सीटें और कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं। वहीं 3 निर्दलीय पार्षद चुने गए हैं। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिन पार्षदों को जिताने के लिए आपने वोट दिया क्या आपको पता है कि उनकी महीने की सैलरी कितनी मिलती है और मिलती भी है की नहीं। इस लेख में पार्षदों से जुड़ी हर जानकारी पढ़िए।
कितनी होती है पार्षदों की सैलरी
आपको बता दें पार्षदों को सालाना को फिक्स सैलरी नहीं मिलती। जो भी पार्षद दिल्ली एमसीडी चुनाव में जीते हैं उन्हें हर मीटिंग के तकरीबन 300 रुपए मिलेंगे। एक पार्षद की महीने में 5 से 6 मीटिंग या फिर कभी-कभी इससे ज्यादा भी हो सकती हैं। हालांकि, बाकी खर्चों के लिए भी दिल्ली नगर निगम पार्षदों को अलग से पैसे मिलते हैं। जिसे आप भत्ते के तौर पर जानते हैं।
पार्षदों को फंड कितना मिलता है
दिल्ली MCD चुनाव में जीत कर आने वाले पार्षदों को मिलने वाले फंड की बात करें तो उन्हें हर साल लगभग 1 करोड़ रुपए काम करने के लिए फंड मिलता है। यह फंड उन्हें अपने वार्ड में विकास कार्यों को कराने के लिए मिलता है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के ज्यादातर पार्षद इस फंड को काम कराने में पूरा खर्च नहीं कर पाते। दरअसल, ये फंड आफ तब ही निकाल सकते हैं, जब आप कोई काम कराते हैं, अगर आप अपने क्षेत्र में काम ही नहीं कराएंगे तो फिर फंड कहां से निकालेंगे।
पार्षद कैसे बन सकते हैं और उनका काम क्या होता है
दिल्ली नगर निगम का पार्षद बनने के लिए आपका नाम, जिस वार्ड से आप चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां की वोटर लिस्ट में होनी चाहिए। इसके साथ ही आपकी उम्र 21 साल और आपके पास कम से कम 10वीं की मार्कशीट होनी चाहिए। वहीं अगर एक पार्षद के काम की बात करें तो एक नगर निगम पार्षद का काम होता है अपने वार्ड के अंतर्गत आने वाले तमाम विकास कार्यों को कराना और वार्ड में आने वाली हर गली, नाली और सड़कों की साफ-सफाई से लेकर मरम्मत तक का ध्यान रखना।