लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच 7 चरणों में होने वाले मतदान से कुछ दिन पहले राज्य में भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने वालों की झड़ी लग गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य और रोशन लाल वर्मा के बाद बांदा के तिंदवारी से एक अन्य बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने कहा है कि उन्होंने भगवा पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वर्मा, प्रजापति और कई अन्य ओबीसी विधायकों ने राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात की है।
‘जहां मौर्य जाएंगे, वहीं हम भी जाएंगे’
बिलहौर से भगवती शरण सागर सहित कुछ विधायकों ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों, ओबीसी और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के हितों का सही से ध्यान नहीं रख पा रही है। विधायकों ने कहा है कि जहां स्वामी प्रसाद मौर्य जाएंगे, हम भी वहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम बीएसपी से बीजेपी में उनके साथ आए थे और हमारी भविष्य की यात्रा भी उनके साथ ही जारी रहेगी। माना जा रहा है कि एक अन्य मंत्री धर्म सिंह सैनी भी इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य
बता दें कि 2016 में बीएसपी से बीजेपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनावों से ऐन पहले समाजवादी पार्टी में शामिल होने की खबरें आई हैं। सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे को टिकट मिलने की संभावनाएं क्षीण होने के बाद अखिलेश यादव के साथ आए हैं। बता दें कि स्वामी प्रसाद की बेटी संघमित्रा मौर्य भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं।