लखनऊ: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया। बघेल ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार और भारतीय जनता पार्टी का 'डीएनए ही किसान-मज़दूर विरोधी' है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और बीजेपी ने अन्नदाता किसानों पर आघात किया है। मोदी ने 28 फरवरी, 2016 को बरेली में आयोजित एक रैली में देश के किसानों से वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे।
‘आय तो दोगुनी नहीं हुई, दर्द सौ गुना जरूर हो गया है’
बघेल ने कहा, ‘2022 आ गया है, आय तो दोगुनी नहीं हुई, दर्द सौ गुना जरूर हो गया है। भारत के गरीबों, मजदूरों और किसानों ने मोदी के वादों पर ऐतबार करके बीजेपी को वोट दिया था, मगर उनके साथ विश्वासघात किया गया। सच तो यही है कि मोदी सरकार और भाजपा का डीएनए ही किसान-मजदूर विरोधी है। किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, 6 साल बाद मोदी सरकार ने सितंबर 2021 में NSSO की रिपोर्ट जारी कर बताया कि किसानों की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज़ बढ़कर 74 हजार रुपये प्रति किसान हो गया है।’
‘आवारा पशुओं के संबंध में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया जाएगा’
इस मौके पर बघेल और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने किसानों की 'बदहाल' स्थिति पर ‘आमदनी न हुई दोगुनी दर्द सौ गुना’ शीर्षक का श्वेतपत्र जारी किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो आवारा पशुओं के संबंध में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया जाएगा, किसानों से गोबर खरीदा जाएगा ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। वहीं, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने किसानों को आकंठ कर्ज में डुबो दिया है। भारत के 50.2 प्रतिशत किसान कर्ज में डूबे हुए हैं, जिनका प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये है। (भाषा)