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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: भुज में 1985 से अब तक सिर्फ एक बार हारी है भाजपा, 1998 में जीती थी कांग्रेस

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: भुज में 1985 से अब तक सिर्फ एक बार हारी है भाजपा, 1998 में जीती थी कांग्रेस

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022: गुजरात में विधानसभा चुनावों के लिए अब मतदान की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। गुजरात के भुज सीट पर 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है।

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022- India TV Hindi Image Source : INDIA TV गुजरात विधानसभा चुनाव 2022

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022: गुजरात में विधानसभा चुनावों के लिए अब मतदान की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। गुजरात के भुज सीट पर 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। भाजपा और कांग्रेस जहां पारंपरिक प्रतिद्वंदी हैं तो वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी ताल ठोंक रही है। मगर भुज सीट पर वर्ष 2002 से लगातार भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1985 के बाद से इस सीट पर भाजपा केवल 1998 में एक बार चुनाव हारी है। बाकी लगातार जीतती आ रही है। ऐसे में भुज भाजपा का मजबूत किला बन चुका है। यहां विजय पाना दूसरी पार्टियों के लिए कड़ी चुनौती बनी है।

इस विधानसभा सीट से भाजपा ने इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है। भाजपा ने मौजूदा विधायक आचार्य डा. नीमाबेन भावेशभाई की टिकट काटकर केशवलाल पटेल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने यहां से अर्जनभाई भुदिया को उम्मीदवार बनाया है। जबकि आप की ओर से राजेश पंडोरिया प्रत्याशी हैं। वर्ष 2017 में भाजपा के आचार्य डा. नीमाबेन भावेशभाई ने यहां से कांग्रेस के चाकी आदमभाई बूढ़ाभाई को करीबह 14 हजार मतों से  हराया था। यह विधानसभा सीट कच्छ संसदीय क्षेत्र में आती है। भाजपा के विनोदभाई चावड़ा यहां से लोकसभा सदस्य हैं। उन्होंने कांग्रेस के नरेशभाई नरनभाई को 3 लाख 5 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी थी।

भाजपा का गढ़ बन चुका है भुज
भारतीय जनता पार्टी के लिए भुज मजबूत किला बन चुका है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1985 से भाजपा यहां से लगातार चुनाव जीतती आ रही है। सिर्फ 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां भाजपा को हरा दिया था। मगर उसके बाद से फिर भाजपा का ही उम्मीदवार लगातार जीत रहा है। पिछले चुनाव में इस इस पर भाजपा को 50.73 फीसदी और कांग्रेस को 42.51 फीसदी मत मिला था।