गुजरात में विधानसभा की 182 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। यहां दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं, जिसमें पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर को होगा और दूसरे चरण का चुनाव 5 दिसंबर को होगा। वहीं मतगणना 8 दिसंबर को होगी। चुनाव की तारीख नजदीक आता देख सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। यहां रोज जनसभाएं आयोजित हो रही हैं। आज हम राज्य की बारडोली विधानसभा सीट के बारे में बात करने वाले हैं। ये विधानसभा सीट सूरत जिले में पड़ती है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वहीं सीट पर हुए पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, जो साल 2017 में हुए थे, तब यहां 58.55 फीसदी मतदान हुआ था।
साल 2017 के चुनाव में भाजपा के ईश्वर भाई परमार ने कांग्रेस के तरुण कुमार जगुभाई वाघेला को 38 हजार से अधिक वोट के अंतर से हराया था। इस क्षेत्र में बारडोली तहसील के 58 गांव और पलसाना तहसील के सभी गांव और चौर्यासी तहसील के 19 गांव आते हैं। साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के ईश्वर भाई परमार ने कांग्रेस के नितिन भाई राणा को 22 हजार 272 वोट से हराया था। भाजपा उम्मीदवार ईश्वर भाई परमार को 81 हजार 49 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस के नितिन भाई राणा को 58 हजार 777 वोट मिले थे।
बारडोली विधानसभा सीट पर साल 1962 में पहली बार चुनाव हुए थे। तब सीट पर कांग्रेस के भुला भाई पटेल ने जीत दर्ज की थी। फिर 1967 से 1972 तक कांग्रेस नेता भुला भाई विधायक रहे हैं। 1975 में कांग्रेस के छोटू भाई ने जीत हासिल की थी। सीट पर 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद 1990 में जनता दल के उम्मीदवार प्रवीण भाई राठौड़ ने जीत दर्ज की थी। 1995 के चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा सीट को अपने नाम किया। वहीं 1998 में भाजपा ने यहां जीत हासिल की और पार्टी के टिकट पर जीतकर रजनीकांत रजवाजी विधायक बने।
इस सीट पर मतदाताओं की संख्या की बात करें, तो उनकी कुल संख्या 2 लाख 63 हजार 925 है। इसमें 1 लाख 26 हजार 943 महिलाएं, 1 लाख 36 हजार 978 पुरुष और 4 अन्य मतदाता हैं। बारडोली सीट पर सबसे अधिक हलपती समाज के 60 हजार मतदाता हैं। जो मतदाताओं की कुल संख्या का 25 प्रतिशत है। ये भी कहा जाता है कि ये समाज जिसके पक्ष में होता है, उसी पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिलती है।