लखनऊ: उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव मे मिली हार के बाद से ही समाजवादी पार्टी अब आगे की रणनीति बनाने में जुटी हुई है । सपा के कद्दावर नेता और दसवीं बार विधायक बने आजम खान एक अहम फैसला ले सकते हैं । इस बात की चर्चा अब शुरु हो चुकी है कि आजम खान अपना सांसद का पद छोड़ सकते हैं । पार्टी की हार के बाद इसके कयास लगाए जा रहे थे कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खान विधायक का पद छोड़ देंगे । लेकिन आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत खान ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग को उठाकर एक नई चर्चा शुरु कर दी है । फसाहत खान ने कहा कि पार्टी के अंदर भी ज्यादातर नेता चाहते हैं कि आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए । हालांकि इसे लेकर अभी तक पार्टी की तरफ से कोई भी अधिकारिक बयान सामने नही आया है
पार्टी आजम पर चल सकती है दांव
जेल मे बंद आजम खान रामपुर सीट से बड़ी जीत हासिल करते हुए 10वीं बार विधायक बने हैं । पार्टी में आजम खान ना सिर्फ एक बड़े नेता हैं बल्कि मुस्लिम वोटरों पर भी एक अलग छाप छोड़ते हैं । इस विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने समाजवादी पार्टी पर पूरा विश्वास भी दिखाया है । मुस्लिम वोटर दूसरे राजनीतिक दलों की ओर ना खिसके इसे ध्यान मे रखते हुए उन्हें ये अहम पद देने पर अखिलेश विचार कर सकते हैं । यही वजह भी है कि आजम खान अब सांसद पद को छोड़ बतौर विधायक रहने पर विचार कर रहे हैं । अगर ऐसा होता है तो वो पार्टी की तरफ से नेताप्रतिपक्ष के रेस मे सबसे आगे हो जाएंगे ।
शिवपाल यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
चुनावों नतीजों के बाद से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी कि शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवापाल यादव ने अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी । शिवपाल समर्थक इसे बात को लेकर काफी भरोसा भी जता रहे थे ।
ओवैसी तंज कस चुके हैं
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस पूरे मुद्दे को लेकर पहले ही समाजवादी पार्टी पर तंज कस चुके हैं । ओवैसी ने आरोप लगाया था कि बहुतायत मे मुस्लिम वोट हासिल करने के बाद भी सपा किसी मुस्लिम विधायक को नेता प्रतिपक्ष नही बना रही है । सपा पार्टी अभी भी परिवारवाद से ग्रसित है
सपा के 2 सांसद बने विधायक
विधानसभा चुनाव मे अखिलेश यादव करहल सीट से और आजम खान रामपुर सीट से चुनाव जीतने मे कामयाब हुए थे । लेकिन पार्टी सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा हासिल नही हो सका,लिहाजा चर्चा इस बात की सामने आई कि दोनो नेता सांसद के तौर पर ही अपनी पारी आगे चलाने के मूड मे हैं । बदले समीकरणों के बाद आजम भले ही विधायक बने रहने पर विचार कर रहें हो लेकिन अखिलेश का सांसद पद बरकरार रखना तय माना जा रहा है ।