नई दिल्ली: पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही सरकारों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आदर्श आचार संहिता निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए दिशानिर्देश हैं। ये दिशानिर्देश चुनाव के समय राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के लिए भाषणों, घोषणाओं, चुनाव घोषणा पत्रों और सामान्य आचार से जुड़े हैं। जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनकी सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश होता है कि जब चुनाव आचार संहिता लागू हो तो सरकार मशीनरी और पद का दुरुपयोग न हो।
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा कि पांच राज्यों गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और सरकारों पर आचार संहिता के सभी प्रावधान लागू होंगे। आयोग ने कहा, ''गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से संबंधित घोषणाओं या नीतिगत फैसलों के संबंध में आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।'' आयोग ने कहा कि उसने चुनाव आचार संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
आचार संहिता के मुख्य नियम-
- कोई पार्टी या नेता इनकी अवहेलना नहीं कर सकता।
- सरकारी राशि का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होगा।
- सरकारी विमान या सरकारी बंगले का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।
- सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास पर रोक लग जाती है।
- कोई भी नेता चुवावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।
बता दें कि चुनाव आचार संहिता लागू होते ही कई नियम लागू हो जाते हैं।