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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं: मायावती

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं: मायावती

बसपा अध्यक्ष मायावती ने सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही घेरा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ रही बसपा के शासनकाल में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक आत्मनिर्भरता के लिए काफी प्रयास किए गए जिन्हें अब विरोधी पार्टियां भुना रहीं हैं। 

Mayawati, BSP Supremo- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO Mayawati, BSP Supremo

Highlights

  • मायावती ने महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस को घेरा
  • लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 आरक्षण देने की मांग की
  • यूपी में सभी दल महिला वोटरों को रिझाने में जुटे

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिलाओं को लेकर कांग्रेस की ही तरह गम्भीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 आरक्षण देने की मांग की। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही घेरा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ रही बसपा के शासनकाल में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक आत्मनिर्भरता के लिए काफी प्रयास किए गए जिन्हें अब विरोधी पार्टियां भुना रहीं हैं। 

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है किन्तु वे अभी भी काफी अधिकारों से वंचित हैं, जबकि उन्हें कानूनी अधिकार देकर सशक्त बनाने हेतु परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का काफी योगदान रहा है और अब बीएसपी उन्हीं के नक्शेकदम पर चलने वाली पार्टी है। हाँलाकि कांग्रेस व भाजपा आदि की महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति लगभग एक जैसी ही धारणा है व इनका रवैया ज्यादातर दिखावटी ही होता है जबकि बीएसपी सरकार में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक आत्मनिर्भरता हेतु काफी प्रयास किए, जिन्हीं को अब विरोधी पार्टियाँ भुना रहीं हैं।'

मायावती ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने में कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं है। मायावती ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा- 'महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने में कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं है। लोकसभा व विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का मामला वर्षों से लम्बित पड़ा होना इसका जीता-जागता प्रमाण है तथा इनका यह आरक्षण जरूर लागू होना चाहिए, बीएसपी की यह माँग है।'

यूपी में सभी दल महिला वोटरों को रिझाने में जुटे

यूपी में सभी राजनीतिक दल आधी आबदी यानी महिला वोटरों को अपनी रिझाने में लगे हुए हैं, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आधी आबादी का आशीर्वाद किसे मिलेगा? गौरतलब है कि, यूपी में आधी आबादी का आशीर्वाद जिस पार्टी को मिलता है वहीं पार्टी सत्ता के शिखर पर पहुंचती है। चुनाव आयोग के 2020 में आए इलेक्टोरल रोल के डेटा के मुताबिक, यूपी में 14 करोड़ 51 लाख मतदाता है, इसमें से 7.85 करोड़ पुरुष और 6.66 करोड़ महिलाएं हैं। एक तरह से 45 फीसदी महिला वोटर हैं, यही वजह है कि सियासी पार्टियां महिला वोटरों को साधने की कोशिश में जुटी है।