गुजरात चुनाव में 'आप' नहीं खोल पाएगी खाता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया दावा
अमित शाह ने 'आप' के ऊपर हमला बोला है। शाह ने कहा कि गुजरात चुनाव में 'आप' की खाता नहीं खुलने वाली है। वहीं उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के ऊपर गुजरात की जनता का भरोसा है।
गुजरात में गुरुवार को पहले चरण का मतदान होने जा रहा है। इस बार का गुजरात चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। आम आदमी पार्टी की एंट्री से चुनाव को तोड़ा-बहुत मौहाल बदला है। हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि गुजरात में 'आप' की खाता भी नहीं खुलने जा रही है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 'आप' पर हमला किया है।
गुजरात में इतिहास रचने जा रही है बीजेपी
गुजरात विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनौती को तवज्जो न देते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी शायद अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य इकाई द्वारा कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा एक अच्छी पहल है, जिस पर केंद्र और अन्य राज्य विचार कर सकते हैं। शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात के सर्वांगीण विकास और शून्य तुष्टिकरण नीति को लागू किए जाने के कदम को पिछले 27 वर्षों में लोगों द्वारा बार-बार भाजपा पर विश्वास जताने का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा, “गुजरात में भाजपा अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी।
वोटरों को पीएम मोदी पर भरोसा
गृहमंत्री ने कहा कि लोगों को हमारी पार्टी और हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।” गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘आप’ की दस्तक के सवाल पर शाह ने कहा, ‘‘हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे पार्टी को स्वीकार करते हैं या नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के लोगों के दिमाग में ‘आप’ कहीं नहीं ठहरती है।
कांग्रेस राष्ट्रीय संकट से गुजर रही है
शाह ने कहा कि चुनाव नतीजों का इंतजार कीजिए, शायद ‘आप’ उम्मीदवारों का नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में आए ही नहीं।’’ कांग्रेस गुजरात में भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी रही है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ ने मोदी के गृह राज्य में एक आक्रामक प्रचार अभियान चलाया है। कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है।’’