उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह इन चुनावों में छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। रणनीति के अनुसार, अखिलेश ने छोटे दलों के साथ गठबंधन भी शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उन्होंने लंबे समय से नाराज़ चल रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ भी गठबंधन कर लिया है। चुनावी घमासान के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत की।
शिवपाल सिंह यादव ने इस इंटरव्यू के दौरान बताया कि एक दिन अचानक उन्हें अखिलेश यादव का फोन आ गया था। शिवपाल ने बताया था, 'हम एक दिन घर पर बैठे हुए थे तो उनका अचानक फोन आया। अखिलेश ने कहा कि हम आपके घर पर आना चाहते हैं। जब दिल से नज़दीकियां होती हैं तो आने में देर थोड़े लगती है। वो आ गए, कुछ देर के लिए बैठे। परिवार के सभी लोग साथ में थे। हम लोगों की आपस में बातचीत हुई। परिवार के सभी लोगों ने इस दौरान तय कर लिया कि हम लोग एक साथ रहेंगे। साथ ही हम लोगों ने 2022 का चुनाव भी साथ लड़ने का फैसला किया।'
कौन होना चाहिए मुख्यमंत्री?
शिवपाल सिंह से जब पूछा गया कि गठबंधन होने के बाद कौन सीएम उम्मीदवार होगा? तो उन्होंने कहा कि हम अखिलेश यादव को अपना नेता मान चुके हैं। अखिलेश ही हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे और अगर बहुमत मिलता है तो वही हमारे मुख्यमंत्री भी बनेंगे। हमने अखिलेश को अपना नेता मान लिया है। जब वो साल 2012 में मुख्यमंत्री बने तो मैं उनकी सरकार में 4 साल तक मंत्री भी रहा। अब जब आप किसी सरकार में मंत्री रहते हैं तो मुख्यमंत्री ही आपका नेता होता है।
सरकार बनने के बाद कौन-सा पद आपको मिलेगा?
शिवपाल से अगला सवाल पूछा गया था, 'आपने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री तो अखिलेश यादव बनेंगे तो आपके लिए कौन सा पद तय किया गया है?' उन्होंने कहा, 'हमें जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, हम उस जिम्मेदारी को ही निभाएंगे। हम दोनों की पार्टी भी अलग है। उनकी समाजवादी पार्टी है और हमारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है। हम तो जनता की सेवा करना चाहते हैं। अब भले ही हमें कोई जिम्मेदारी मिले।'