Abki Baar Kiski Sarkaar: पुरानी पेंशन स्कीम, 300 यूनिट फ्री बिजली और... सचिन पायलट ने गिनाए हिमाचल चुनाव में कांग्रेस के वादे
Abki Baar Kiski Sarkaar: इंडिया टीवी के मंच पर आए सचिन पायलट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब दिए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस बहुमत के साथ चुनाव जीतेगी। कांग्रेस ने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की बात की है।
हिमाचल प्रदेश में चुनावों को अब कुछ दिन का समय ही बचा है। यहां 12 नवंबर मतदान होना है। पिछले 5 सालों से सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और कांग्रेस उसे सत्ता से बाहर करने की कोशिश में है। इंडिया टीवी के मंच पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इन चुनावों से जुड़े सवालों के जवाब दिए, साथ ही कांग्रेस पार्टी के किए वादे भी गिनाए हैं। ‘अबकी बार किसकी सरकार’ में कार्यक्रम में उन्होंने जिस सबसे बड़े मुद्दे की बात है, वो है पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करना। इसे हिमाचल प्रदेश चुनाव में एक बड़ा मुद्दा माना जा रहा है।
दरअसल उनसे पूछा गया, क्या आपको नहीं लगता कि पीएम नरेंद्र मोदी एक ऐसा चेहरा हैं, बीजेपी के पास एक ऐसा हथियार है चुनाव में उतारने के लिए, जिसका प्रभाव पड़ता है, उनकी अपील का असर पड़ता है?
इसके जवाब में उन्होंने कहा, देश के प्रधानमंत्री जो रहे हैं, उनका प्रभाव पड़ा ही है। हमें किसी को कम ज्यादा नहीं आंकना चाहिए। मेरा कहना है कि जब आपकी पूर्ण बहुमत की सरकार पांच साल से काम कर रही है, जैसे आप प्रोजेक्ट करते हो, अगर उतना दम नहीं है, तभी तो आपको प्रधानमंत्री का सहारा लेना पड़ रहा है। मेरा जैसा अनुभव रहा है, उन्होंने पीएम, रक्षा मंत्री को इसलिए बुलाया है, क्योंकि राज्य के नेतृत्व का जनता पर उतना प्रभाव नहीं है। चुनाव मुद्दों पर लड़ना चाहिए, न कि पर्सनेलिटी पर।
कांग्रेस ने कौन से वादे किए?
सचिन पायलट ने बताया, हमने जो बातें बोली हैं, उसमें एक लाख नौकरियों, 300 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को 1500 रुपये भत्ता देने का वादा किया है, सबसे महत्वपूर्ण हमने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का वादा किया है। लोगों ने इसे पसंद किया है। पुरानी पेंशन स्कीम को हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़, राजस्थान में लागू किया है। लेकिन भाजपा न हां कहने की स्थिति में है न न कहने की स्थिति में।
हिंदू-मुस्लिम करती है भाजपा- पायलट
हिमाचल में इतना कर्ज हो रहा है, निवेश रुक गया, नौकरियां लग नहीं रहीं, उद्योग ठप पड़े हैं, अर्थव्यवस्था चौपट पड़ी है। तो यहां वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय जिम्मेदारी, लोगों को कैसे पर प्रोत्साहित करें, उन सबकी बात नहीं हो रही। लेकिन यहां तो बस यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट, मंदिर, मस्जिद, हिंदू मुसलमान इस प्रकार की बातें हो रही हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा क्या है?
हिमाचल प्रदेश में नई पेंशन स्कीम (यानी एनपीएस) में आने वाले सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (यानी ओपीएस) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह अगर सत्ता में आई तो ओपीएस को लागू कर देगी। तत्कालीन एनडीए सरकार ने साल 2003 में पुरानी पेंशन की जगह एनपीएस लागू की थी। जिसके बाद कई राज्यों की तरह ही हिमाचल प्रदेश में भी ये लागू हुई। एनडीए ने 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए इस नई प्रणाली को शुरू किया था।
तब दलील दी गई थी कि पेंशन पर बहुत बड़ी रकम खर्च होती है। हालांकि अब नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत आने वाले कर्मियों ने एक यूनियन बनाई हुई है। जो चुनावों के नजदीक आते ही आंदोलन तेज कर चुकी है। इन लोगों का कहना है कि नई स्कीम में कई सारी कमियां हैं। इनका कहना है कि पुरानी स्कीम के तहत आखिरी वेतन के लगभग आधी पेंशन मिलती थी लेकिन नई स्कीम के तहत पहले कहा गया कि मल्टीनेशनल कंपनी की तरह काफी लाभ मिलेगा। लेकिन असल स्थिति तब सामने आई, जब किसी को 800 रुपये को किसी को 1500 रुपये की पेंशन मिलने लगी।