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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Abki Baar Kiski Sarkaar: सचिन पायलट ने दिए हिमाचल प्रदेश चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब, बोले- बीजेपी नर्वस, बहुमत से जीतेगी कांग्रेस

Abki Baar Kiski Sarkaar: सचिन पायलट ने दिए हिमाचल प्रदेश चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब, बोले- बीजेपी नर्वस, बहुमत से जीतेगी कांग्रेस

Abki Baar Kiski Sarkaar: इंडिया टीवी के मंच पर आए सचिन पायलट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब दिए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस बहुमत के साथ चुनाव जीतेगी। 12 नवंबर जैसे-जैसे पास आएगा, ये और सामने आएगा कि लोग सरकार के कार्यकाल से खुश नहीं है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कांग्रेस नेता सचिन पायलट

हिमाचल प्रदेश में चुनावों को अब कुछ दिन का समय ही बचा है। यहां 12 नवंबर मतदान होना है। पिछले 5 सालों से सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और कांग्रेस उसे सत्ता से बाहर करने की कोशिश में है। इन चुनावों से जुड़े कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब देने के लिए इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'अबकी बार किसकी सरकार' में कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट आए। उन्होंने किन सवालों का क्या जवाब दिया, ये जानते हैं ‘अबकी बार, किसकी सरकार’ में। सचिन पायलट से पूछा गया कि आप जनता के बीच जा रहे हैं, कैसा फीडबैक है?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,  भाजपा के साथी अगर सोचते हैं कि बड़ा मुश्किल है, तो ठीक सोच रहे हैं। अगर सरकार दोबारा लानी है, तो जो ठाकुर साहब की सरकार के पांच साल के काम से लोग संतुष्ट होते, तो लगता कि हम दोबारा सरकार बनाएंगे। लेकिन जिस तरह मैं देख रहा हूं, बीजेपी ने, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री... सब लोग इतने छोटे से राज्य में आकर लगातार बैठक कर रहे हैं, तो कहीं न कहीं उन्हें लग रहा है कि हमारी हालत नाजुक है। उनका कुछ फीडबैक उनके पास होगा। प्रदेश में बदलाव की लहर है, जैसे-जैसे 12 नवंबर पास आएगा, ये और सामने आएगा कि 5 साल की सरकार के कार्यकाल से लोग खुश नहीं हैं।  

उन्होंने आगे कहा, जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है, हर चुनाव में हर पार्टी पूरी ताकत लगाती है। लेकिन जो पार्टी सरकार में है, उसे अपने काम के दम पर वोट मांगना चाहिए। बजाय कि राष्ट्र नेताओं के या राज्य के बाहर के मुद्दों के आधार पर वोट मांगें। तो कहीं न कहीं नर्वसनेस मुझे लग रही है भाजपा के पक्ष में। और मुझे लग रहा है, ये चुनाव कांग्रेस पार्टी अच्छे बहुमत के साथ जीतेगी। 

सचिन पायलट से पूछा गया, बीजेपी ये कहती है कि वह तो हर चुनाव को पूरी ताकत के साथ ही लड़ते हैं। चाहे वो नगरपालिका के चुनाव हों। रही बात प्रधानमंत्री की, तो वो उनके ट्रंप कार्ड हैं, कि अगर पीएम मोदी हैं, तो क्यों हम उनकी जैसी शख्सियत की मदद न लें, उनके नाम पर अगर हमें वोट मिता है तो? इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा, ऐसा नहीं है न। मैं बहुत लोगों से पूछता हूं कि गुजरात के मुख्यमंत्री का नाम क्या है, बहुत से लोगों को पता ही नहीं है कि उनका नाम क्या है। वहां के सिटिंग मुख्यमंत्री का। अगर कोई मजबूत सरकार चलाए, प्रदर्शन के बाद रिपोर्ट कार्ड दिखाए, तो उसका काम बोलेगा न। व्यक्ति को ट्रंप कार्ड की जरूरत तब पड़ती है, जब बाकी सब फेल हो जाता है। 

तो इतना तो लोग मान रहे हैं कि नीचे का सब फेल हो चुका है, तो ट्रंप कार्ड हम इस्तेमाल कर रहे हैं, बार-बार। 

उन्होंने आगे कहा, जब तक हमारी सरकार रही, वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे, तब तक उनके नाम, उनके चेहरे, उनके काम, उनकी रिपोर्ट कार्ड पर हमने चुनाव लड़ा। हम सब समर्थन करने आए। लेकिन मुख्यमंत्री का एक अपना अस्तित्व होता है। पहचान होती है। एक छाप प्रदेश में होती है। वो उनकी इतनी मजबूत थी कि आज तक लोग उनको याद कर रहे हैं। उनके कामों को, उनका जो अनुभव रहा। उसकी तुलना हम ठाकुर साहब से नहीं कर सकते। उन्हें जो मौका मिला, पहली बात तो लगातार उपचुनाव हारे, मंडी का लोकसभा चुनाव हारे, उनका खुद का जिला वो हारे, तो तब से ही भाजपा के खेमे में ये नर्वसनेस थी कि हम कैसे करेंगे। फिर हमने जो कैंपेन किया, जो कैंडिडेट्स दिए हैं, जो मैनिफेस्टो बनाया कांग्रेस पार्टी ने, वो सब जनता को प्रभावित कर रहा है। इसलिए चुनाव धीरे-धीरे और कांग्रेस के पक्ष में आ रहा है।

पायलट से आगे पूछा गया कि वीरभद्र सिंह की पहचान हिमाचल के बाहर भी थी। लेकिन अब वो नहीं हैं। लेकिन उसकी बड़ी भरपाई कांग्रेस को करनी पड़ेगी और चेहरा ही नहीं है आपके पास। इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा, हमारे पास टैलेंट और अनुभव की कमी नहीं है। ऐसे कई चेहरे हैं, जब बहुमत मिलेगा, उनमें से एक को हम एमएलए चुनकर नियुक्त करेंगे। बात सत्ताधारी दल की है, इनका जो चेहरा है, उनके जो मुख्यमंत्री हैं, उनके पास आत्मविश्वास भाजपा के हिमाचल के नेताओं का नहीं है। और जो घमासान मचा हुआ है। जो बागी खड़े हुए हैं। बड़े-बड़े नेता बागियों को मनाने के लिए फोन कर रहे हैं। वो मान नहीं रहे हैं। तो नड्डा साहब का होम स्टेट है, आपस में बहुत खिंचाव तनाव है। एक पूर्व मुख्यमंत्री का टिकट ही काट दिया। कोई हंस रहा है, कोई रो रहा है। भाजपा में जो हो रहा है, उससे पता चलता है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। 

सचिन पायलट ने कहा, मुझे लगता है, हिमाचल मूलत: कांग्रेस को पसंद करता है। हम चुनाव हार गए पिछली बार, भाजपा की सरकार बन गई। लेकिन जब इस राज्य का निर्माण हुआ था, उसमें इंदिरा गांधी की क्या भूमिका थी। विपक्ष ने उस टाइम क्या किया, क्या कहा, सब जानते हैं। इसलिए हम हमेशा चुनाव एक सकारात्मक एजेंडा के ऊपर लड़ते हैं।

उनसे पूछा गया, क्या आपको नहीं लगता कि पीएम नरेंद्र मोदी एक ऐसा चेहरा हैं, बीजेपी के पास एक ऐसा हथियार है चुनाव में उतारने के लिए, जिसका प्रभाव पड़ता है, उनकी अपील का असर पड़ता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, देश के प्रधानमंत्री जो रहे हैं, उनका प्रभाव पड़ा ही है। हमें किसी को कम ज्यादा नहीं आंकना चाहिए। मेरा कहना है कि जब आपकी पूर्ण बहुमत की सरकार पांच साल से काम कर रही है, जैसे आप प्रोजेक्ट करते हो, अगर उतना दम नहीं है, तभी तो आपको प्रधानमंत्री का सहारा लेना पड़ रहा है। मेरा जैसा अनुभव रहा है, उन्होंने पीएम, रक्षा मंत्री को इसलिए बुलाया है, क्योंकि राज्य के नेतृत्व का जनता पर उतना प्रभाव नहीं है। चुनाव मुद्दों पर लड़ना चाहिए, न कि पर्सनेलिटी पर।

उन्होंने कहा, हमने जो बातें बोली हैं, उसमें एक लाख नौकरियों, 300 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को 1500 रुपये भत्ता देने का वादा किया है, सबसे महत्वपूर्ण हमने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का वादा किया है। लोगों ने इसे पसंद किया है। पुरानी पेंशन स्कीम को हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़, राजस्थान में लागू किया है। लेकिन भाजपा न हां कहने की स्थिति में है न न कहने की स्थिति में। हिमाचल में इतना कर्ज हो रहा है, निवेश रुक गया, नौकरियां लग नहीं रहीं, उद्योग ठप पड़े हैं, अर्थव्यवस्था चौपट पड़ी है। तो यहां वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय जिम्मेदारी, लोगों को कैसे पर प्रोत्साहित करें, उन सबकी बात नहीं हो रही। लेकिन यहां तो बस यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट, मंदिर, मस्जिद, हिंदू मुसलमान इस प्रकार की बातें हो रही हैं।