आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के राज्य संयोजकऔर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भगवंत मान को पार्टी ने सीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उनके सीएम पद के लिए उनके नाम की घोषणा की। स्टैंडअप कॉमेडियन से लेकर सीएम प्रत्याशी तक का उनका सफर विवादों से भरा रहा है।
भगवंत मान को लोगों ने सबसे पहले उनकी स्टैंडअप कॉमेडी से पहचाना। फिर वे राजनीति में आए। चूंकि राजनीति की राह उनके लिए नई—नई थी, इसलिए वे अक्सर विवादों में घिरते रहे। एक आम राजनीतिज्ञ के विपरीत उनकी आदतें उन्हें हमेशा विवादों में डालती रही है। कभी अपने बयानों से तो कभी अपनी आदतों से वे लोगों की नजरों में बने रहे।
2011 में जब उन्होंने अपनी पत्नी से तलाक लिया था, उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने ये कहा था कि वे अपने प्रदेश पंजाब की सेवा के लिए पत्नी को छोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया में इस तरह से राजनीतिक फायदे के लिए व्यक्तिगत मुद्दे को उछालने के लिए इस सांसद की खिंचाई हुई थी।
यही नहीं, वर्ष 2014 में ही सरकारी शिक्षकों की नकल करने वाले मान के वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया हासिल हुई थी। इसी साल यानी जुलाई 2014 में भगवंत मान पर घमंडी होने और सुनाम सिटी को नजरअंदाज करने के आरोप लगे। इस पर भगवंत मान के बयान से कार्यकर्ता तिलमिला उठे। भगवंत मान ने बयान दिया कि बगावत का झंडा बुलंद करने वाले लोगों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया था। मान के इस बयान से पार्टी कार्यकर्ताओं का आक्रोश चरम पर पहुंच गया। तब कार्यकर्ताओं ने कहा था कि भगवंत मान इन आरोपों को साबित करें या फिर सामूहिक तौर पर माफी मांगें।
जुलाई 2014 में ही दिल्ली के बजट पर चर्चा के दौरान मान ने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। सांसद ने लालू यादव के परिवार को भी बीच में लपेट लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में विकास की बात करने वाली कांग्रेस के विधायकों से ज्यादा तो लालू यादव के बच्चे हैं। भगवंत के इस बयान से लोकसभा में काफी हंगामा हुआ।
अक्टूबर 2015 में भगवंत मान पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप की बेअदबी मामले में आयोजित शहीदी समारोह में शराब पीकर पहुंच गए थे। इसकी जानकारी तुरंत ही शहीदी दिवस के आयोजकों को दी गई। इसके बाद हंगामा मच गया। सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं ने मान को मंच से उतार दिया और बाद में उन्हें समारोह स्थल से ही बाहर जाने को मजूबर कर दिया गया।
जुलाई 2016 में भगवंत मान ने संसद भवन में प्रवेश के वक्त विभिन्न सुरक्षा घेरों को पार करने का वीडियो बनाकर उसे सोशल साइट्स पर अपलोड कर दिया। वीडियो में सांसद मान ने कमेंट्री भी खुद ही की है। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने उनकी इस हरकत की आलोचना करते हुए इसे सुरक्षा से खिलवाड़ बताया। मामले में उनके खिलाफ शिकायत की गई और उन्हें फैसला होने तक संसद से दूर रहने को कहा गया।
जुलाई 2016 में ही भगवंत मान ने रैली के दौरान विवादित बयान देकर सभी को चौंका दिया। सांसद भगवंत मान ने कहा कि हर सांसद का रोजाना डोप टेस्ट होना चाहिए। इससे जो लोग उनको बिना वजह बदनाम करते हैं, उनकी सारी सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी। वे सांसद हरिंदर सिंह खालसा के आरोपों पर टिप्पणी कर रहे थे, तब उन्होंने यह बयान दिया।
भगवंत मान तीन कृषि कानूनों को लेकर संसद भवन में अकेले ही पोस्टर लेकर खडे रहे और पोस्टर में किसानों के पक्ष में स्लोगन लिखकर अपनी बात कही थी। इस पर लोगों ने उनके इस तरह संसद के बाहर खडे होकर अकेले आंदोलन करने पर कमेंट किए थे।