नंदीग्राम: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में बीजेपी कार्यकर्ता की मां की मौत को लेकर उत्पन्न आक्रोश के बीच कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करतीं और उन्हें मौत की असली वजह नहीं पता। बनर्जी ने पूछा कि जब बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में महिला को उत्पीड़न कर जान से मार दिया गया, तब केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्यों चुप थे। बीजेपी का दावा है कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के निमता इलाके में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने भगवा पार्टी कार्यकर्ता की 82 वर्षीय बुजुर्ग मां पर हमला किया था और चोट के चलते उनकी मौत हो गई।
ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं नहीं जानती की बहन की मौत कैसे हुई। हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करते। मैंने अपनी बहनों और माताओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं किया है।'' उन्होंने कहा, ''लेकिन बीजेपी अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। अमित शाह ट्वीट कर रहे हैं कि बंगाल का क्या हाल है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में जब महिला पर हमला किया गया और बर्बरता दिखाई गई तब वह क्यों चुप रहे?''
बनर्जी ने कहा कि फिलहाल राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है, लिहाजा कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में हैं। उन्होंने कहा, ''बीते कुछ दिन में तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।'' बता दें कि गृहमंत्री ने मृतक को श्रद्धांजलि दी और कहा कि परिवार का दर्द और घाव लंबे समय तक ममता दीदी को परेशान करता रहेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल हिंसामुक्त और महिलाओं के लिए सुरक्षित समाज के लिए संघर्ष करेगा।
शाह ने आज सुबह ट्वीट किया था, ''बंगाल की बेटी शोभा मजूमदार जी की मौत को लेकर गुस्सा हूं, जिनपर टीएमसी के गुंडों ने बर्बरतापूर्वक हमला किया था। उनके परिवार के दुख और दर्द लंबे समय तक ममता दीदी को डराते रहेंगे। बंगाल हिंसा मुक्त कल के लिये लड़ेगा। बंगाल हमारी माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिये लड़ेगा।''
वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने पिटाई की वजह से हुई मौत का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि एक महीने को बीजेपी कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार के घर के सामने ही उनका तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता से झगड़ा हुई थी। इस दौरान गोपाल गिर गए और उनकी मां को लगा कि बेटे पर हमला हुआ है। इसके बाद वह गिर पड़ीं। उन्हें पहले से भी कई बीमारी थी। उनकी मौत से हम सबको दुख है लेकिन इसका उस झगड़े से कुछ लेना देना नहीं है।
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