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बंगाल चुनाव 2021: जानिए बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में खडगपुर सदर क्यों नहीं था?

सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के खड़गपुर सदर से बीजेपी सांसद दिलीप घोष के नाम पर विचार हुआ है। घोष 2016 में इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि पार्टी ने ये तय किया है कि लोकसभा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा।

दिलीप घोष, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा, पश्चिम बंगाल- India TV Hindi Image Source : PTI दिलीप घोष, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा, पश्चिम बंगाल

West Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021: सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के खड़गपुर सदर से बीजेपी सांसद दिलीप घोष के नाम पर विचार हुआ है। घोष 2016 में इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि पार्टी ने ये तय किया है कि लोकसभा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा दिलीप घोष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और ऐसे में उन्हें पूरे प्रदेश में प्रचार में व्यस्त रहना है। इसलिए पार्टी अभी दुविधा में है। 

पार्टी के अंदरूनी सर्वे में बीजेपी नेताओं में सर्वाधिक लोकप्रिय दिलीप घोष के बारे में फीडबैक है लेकिन उनके नाम के ऐलान के साथ सीएम फेस का मैसेज जाने का भी खतरा है जिससे पार्टी के अन्य दावेदार चुनाव अभियान में ढीले पड़ सकते हैं। इसलिए पार्टी अभी सतर्कता के साथ मंथन कर रही है और खडगपुर सदर सीट पर कैंडिडेट के नाम का ऐलान नहीं हुआ।

नंदीग्राम में ममता और शुभेंदु होंगे आमने-सामने

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से आठ चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। भाजपा ने 57 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शनिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पहले और दूसरे चरण के लिए कुल 57 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। सबसे हॉट सीट नंदीग्राम विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी को टिकट दिया है। क्रिकेटर से नेता बने अशोक डिंडा को भी बीजेपी ने टिकट दिया गया है।

आठ चरणों में होंगे चुनाव

गौरतलब है कि बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण, 1 अप्रैल को दूसरे चरण का, 6 अप्रैल को तीसरे चरण, 10 अप्रैल को चौथे चरण, 17 अप्रैल को पांचवे चरण की वोटिंग होगी। छठे चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को, सातवें चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को और आखिरी यानी आठवें चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी।

बंगाल में प्रति विधानसभा खर्च की लिमिट 30.8 लाख रुपए है। पश्चिम बंगाल में इस बार 101916 पोलिंग स्टेशन होंगे जो पिछले चुनाव के मुकाबले 35 प्रतिशत ज्यादा हैं। पश्चिम बंगाल में एक लाख से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। कोरोना को देखते हुए सभी राज्यों में मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया गया है।