कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सियासी माहौल गर्माया हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार बंगाल में अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ है। टीएमसी के कई बड़े नेता भगवा खेमे में शामिल हो चुके हैं। टीएमसी को ममता दीदी के 'करिश्मे' पर पूरा विश्वास है, इसी लिए वो सिर्फ उन्हीं को चेहरा बना कर चुनाव मैदान में उतरी है। इस रणनीति के अलावा टीएमसी ने 10 साल की सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए भी खास प्लान बनाया है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टीएमसी आने वाले चुनावों में कई विधायकों औऱ मंत्रियों का पत्ता काट सकती है, इसके अलावा कई विधायकों और मंत्रियों की विधानसभा सीट भी बदली जा सकती है। कहा तो ये भी जा रहा है कि टीएमसी इस बार के चुनाव में कम से कम 100 नए चेहरों को मैदान-ए-जंग में लड़ने के लिए उतार सकती है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी छोड़कर अबतक 19 विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
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गौर करने वाली बात ये हैं कि साल 2011 से ही ममता बनर्जी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों का ऐलान चुनाव से काफी पहले करती आई हैं लेकिन इस बार टीएमसी ने चुनाव के फेज के अनुसार ही प्रत्यशियों का ऐलान का फैसला किया है। टीएमसी के एक सीनियर नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को कई विधायकों के अंतिम समय में defection का डर है ... और टीएमसी भाजपा के बाद उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी ज्यादा युवाओं, महिलाओं को स्वच्छ छवि के नेताओं को चुनावी रण में उतारने की प्लानिंग कर रही है।
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