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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: आप के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजय कोठियाल गंगोत्री से लड़ेंगे चुनाव

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: आप के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजय कोठियाल गंगोत्री से लड़ेंगे चुनाव

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि कोठियाल को गंगोत्री सीट से चुनावी समर में उतारने का निर्णय चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों में देवस्थानम बोर्ड को लागू करने से भाजपा सरकार के प्रति उपजी नाराजगी को आप के पक्ष में भुनाने का प्रयास भी है। 

AAP Uttarakhand CM candidate Ajay Kothiyal and Delhi Deputy CM Manish Sisodia.- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO AAP Uttarakhand CM candidate Ajay Kothiyal and Delhi Deputy CM Manish Sisodia.

Highlights

  • आप के सीएम प्रत्याशी कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल की छवि उत्तरकाशी में काफी लोकप्रिय है
  • अजय कोठियाल ने 2013 में आयी केदारनाथ आपदा में अपने सैन्य अनुभव से स्थानीय लोगों की मदद की
  • गंगोत्री सीट पर समीकरण बदले, मुकाबला हुआ त्रिकोणीय

देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट से चुनावी समर में उतरेंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तरकाशी में एक जनसभा के दौरान यह घोषणा की। सिसोदिया ने कहा कि इसी के साथ​पवित्र गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री से उत्तराखंड में स्वच्छ राजनीति के युग की शुरूआत होगी। उत्तराखंड में सत्ता में अब तक रहीं कांग्रेस और भाजपा की सरकारों को अपने वादे पूरा न करने का दोषी ठहराते हुए आप नेता ने कर्नल कोठियाल के लिए प्रदेश की जनता से एक मौका मांगा। 

गंगोत्री सीट पर मुकाबला हुआ त्रिकोणीय 

गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि के होने के बावजूद कोठियाल प्रदेश में काफी लोकप्रिय हैं जिन्होंने 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद अपने सैन्य अनुभव को स्थानीय लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किया। वह पहले उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतरोहण संस्थान के प्राचार्य भी रह चुके हैं। कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने गंगोत्री से दावा ठोककर मुकाबले को दिलचस्प कर दिया है, जिससे मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है। लेकिन इस बार गंगोत्री सीट पर समीकरण बदल गए हैं। विधायक गोपाल रावत का निधन होने से भाजपा नए चेहरे पर दांव खेलेगी। जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता और 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 10 हजार वोट लाने वाले सूरतराम नौटियाल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। नौटियाल के अलावा विधायक रहे स्वर्गीय गोपाल रावत की पत्नी समेत दर्जनभर नेता भी दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस विजयपाल सजवाण को ही चुनाव लड़ाती आ रही है तो कांग्रेस में कोई बड़ा उलटफेर होना मुश्किल है।

गंगोत्री का चुनावी इतिहास है बेहद दिलचस्प 

गंगोत्री का चुनावी इतिहास बहुत दिलचस्प है और यहां से जिस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होता है, प्रदेश में सरकार उसी की बनती है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि कोठियाल को गंगोत्री सीट से चुनावी समर में उतारने का निर्णय चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों में देवस्थानम बोर्ड को लागू करने से भाजपा सरकार के प्रति उपजी नाराजगी को आप के पक्ष में भुनाने का प्रयास भी है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान गठित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की तीर्थ पुरोहित लंबे समय से मांग कर रहे हैं और उनका मानना है कि यह उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन है।