जयपुर: दिल्ली मे तीन दिन के मंथन के बाद आखिरकार राजस्थान में मंत्रीमंडल का विस्तार हो गया। सोमवार को 23 मंत्रियो को शपथ दिलाई गयी जिसमें 13 कैबिनेट मंत्री व 10 राज्यमंत्री शामिल है। आपको बता दें कि 18 विधायक पहली बार मंत्री बने है।
राहुल गांधी के दावों की निकली हवा
23 विधायको के मंत्रिमंडल मे महज एक मात्र महिला विधायको को राज्य मंत्री बनाया गया है। सिकराय से ममता भूपेश ने राज्य मंत्री के पद पर शपथ ली है। जबकि इस बार 200 मे से 11 महिला विधायक जीत कर आई है। राहुल गांधी कोटा मे आये थे उन्होनें इस बात पर विशेष जोर दिया था कि महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक होगी चाहे पार्टी मे टिकट देने की बात हो या फिर सरकार चलाने में, महिला सशक्तीकरण का दावा करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दावो का असर फिलहाल राजस्थान मे नहीं दिखाई दे रहा है।
मंत्रीमंडल के पाद पोर्टफिलिओं के लिए जद्दोजहद
राजस्थान मे ये शायद पहली बार एसा हो रहा है कि मुख्यमंत्री चयन से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार व मंत्रियों को विभाग का बंटवारा करने मे आलाकमान की मौजूदगी की जरुरत पड़ रही है। दिल्ली मे मुख्यमंत्री का चयन हुआ उसके बाद 3 दिन मंत्री मंडल बनाने के लिये सीएम व डिप्टी सीएम दिल्ली रहे और अब विभागों के बंटवारे के लिये सीएम व डिप्टी सीएम के साथ दिल्ली से आये प्रभारियों के साथ मंथन किया जा रहा है। यानी साफ है कि राजस्थान सरकार मे पॉवर सेंटर के दो धड़े हो जाने की वजह से अपने-अपने नेताओं को तरजीह देने के लिये दोनो नेता अड़े हुए है और समझौता आलाकमान को करना पड़ रहा है।
गहलोत का पलड़ा अभी तक भारी
पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान मची तो अशोक गहलोत का नाम सामने आया अब मंत्री मंडल विस्तार मे भी अशोक गहलोत अपने चहेतों को मंत्री बनाने मे कामयाब हुये। 23 मंत्रियों मे से माना जा रहा है लगभग 17 मंत्री अशोक गहलोत के खेमे के है और उनको वफादारी निभाने का फल भी मिल रहा है।
गहलोत खेमे के कैबिनेट मंत्री
बीडी कल्ला, शांति कुमार धारीवाल, परसादीलाल मीणा, लालचन्द कटारिया, डॉक्टर रघु शर्मा, प्रमोद जैन, भाया विश्वेन्द्र सिंह, व हरीश चौधरी शामिल है। राज्य मंत्री मे गोविन्द डोटासरा, ममता भूपेश, सुखराम विश्नोई, भजनलाल जाटवव, राजेन्द्र सिंह यादव, ये एसे नाम है जो कि गहलोत कम्पनी के माने जाते है।