कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। बंगाल की सबसे हाई प्रोफाइल सीट नंदीग्राम से बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के दौरान ममता बनर्जी के साथ भाड़ी संख्या में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी मौजूद रहे जिनपर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। बीजेपी का ये भी आरोप है कि डीएम, एसपी पुलिस थानों में टीएमसी वर्कर्स के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बीजेपी के मुताबिक बंगाल में पुलिस टीएमसी कार्यकर्ताओं जैसी बर्ताव कर रही है। नामांकन में मौजूद पुलिकर्मियों को सस्पेंड करने की बीजेपी ने मांग की है।
इससे पहले ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया और जीतने का विश्वास जताते हुए कहा कि वह नंदीग्राम से कभी खाली हाथ नहीं लौटी हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला पूर्व में अपने सहयोगी और अब बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से होगा। बनर्जी ने तृणमूल प्रदेश अध्यक्ष सुव्रत बक्शी की उपस्थिति में हल्दिया सब डिविजनल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने दो किलोमीटर लंबे रोड शो में हिस्सा लिया और एक मंदिर में पूजा अर्चना की।
नामांकन दाखिल करने में बाद बनर्जी एक और मंदिर गईं। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि मैं नंदीग्राम सीट से जीत हासिल करूंगी। मैं आसानी से भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ सकती थी। मैं जब जनवरी में नंदीग्राम आई थी तब यहां से कोई विधायक नहीं था क्योंकि तत्कालीन विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। मैंने आम लोगों के चेहरे को देखा और यहां से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।” पूर्वी मिदनापुर जिला परिषद के उपाध्यक्ष शेख सुफियान को बनर्जी का चुनाव एजेंट नियुक्त किया गया है।
Image Source : BJPपश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है।
बनर्जी ने कहा, “मैं यहां से कभी खाली हाथ नहीं लौटी। नंदीग्राम केवल एक नाम नहीं है यह एक आंदोलन का नाम है। मैं सभी का नाम भूल सकती हूं लेकिन नंदीग्राम का नाम नहीं भूल सकती। मेरे लिए इस स्थान का इतना महत्व है।” तृणमूल अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस बार सिंगूर या नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। यह दोनों स्थान 2011 में भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुए आंदोलन का केंद्र थे।
उन्होंने कहा, “मैं एकदम स्पष्ट रूप से कहती हूं कि इस स्थान को कोई भी धर्म के आधार पर बांट नहीं सकता। नंदीग्राम आंदोलन के समय सभी समुदायों ने इसमें भाग लिया था। जो आज इसकी विरासत के बारे में भाषण दे रहे हैं वह उस समय कहीं नहीं थे जब यहां हिंसा हो रही थी। मैं अकेले लड़ रही थी।” मुख्यमंत्री कोलकाता की भवानीपुर सीट छोड़ने के बाद पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने नंदीग्राम में एक घर किराए पर लिया है जहां से वह चुनाव प्रचार करेंगी।
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