चंडीगढ़। पंजाब में बिजली की कटौती का मुद्दा राजनीतिक हो गया है। बिजली की समस्या पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर विपक्षी दल तो निशाना साध ही रहे हैं, साथ में कैप्टन से बगावत कर चुके कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अब इस समस्या पर अपनी सरकार को घेरा है। सिद्धू ने कहा है कि सरकार अगर सही दिशा में काम करे तो पंजाब में बिजली कटौती की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सिद्धू ने यह भी कहा कि पंजाब के लोग बिजली के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा पैसा देते हैं।
इस बीच पंजाब में पैदा हुए बिजली संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तरों में एयर कंडिशनर नहीं चलाने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 10 जुलाई तक राज्य में सरकारी दफ्तर सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगे और इस दौरान दफ्तरों में एयर कंडिशनर का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश हैं। राज्य सरकार ने इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है।
सरकारी दफ्तरों में बिजली को लेकर जारी निर्देश पर सिद्धू ने कहा है कि अगर हम सही दिशा में काम करें तो पंजाब में बिजली कटौती की जरूरत ही नहीं है और न ही मुख्यमंत्री (कैप्टन अमरिंदर सिंह) को सरकारी दफ्तरो कामकाज की टाइमिंग या एयर कंडिशनर चलाने को मैनेज करने की जरूरत है।
सिद्धू ने आगे कहा कि पंजाब को औसतन 4.54 रुपए प्रति यूनिट की औसत पर बिजली खरीदनी पड़ती है जबकि राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपए है और चंडीगढ़ में 3.44 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी जाती है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब को बिजली खरीदने के लिए 3 निजी थर्मल प्लांट पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है और 5-8 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदनी पड़ती है जो अन्य राज्यों से ज्यादा है।